भगवान महावीर के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक-गहलोत

जयपुर। मुख्यमंत्राी अशोक गहलोत ने कहा है कि भगवान महावीर के आदिकाल से चले आ रहे सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, अस्तेय के संदेश आज भी प्रासंगिक हैं। जिन्हें हमें आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन सिद्धांतों पर चलकर देश और दुनिया में नक्सलवाद, अराजकता, अलगाववाद, जातिवाद, सामप्रदायिकता एवं अन्य तमाम समस्याएं समाप्त हो सकती हैं।
मुख्यमंत्राी आज जयपुर के सांगानेर स्थित एस.एस.जैन सुबोध कॉलेज परिसर में अखिल भारतीय श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ द्वारा आयोजित रत्नसंघीय परिवारों के दो दिवसीय अधिवेशन का उद्घाटन कर रहे थे। समारोह के मुख्य अतिथि झारखण्ड उच्च न्यायालय, रांची, के मुख्य न्यायाधीश श्री प्रकाश चन्द टाटिया थे और अध्यक्षता रत्न संघ के अध्यक्ष श्री सुमेर सिंह बोथरा ने की।
श्री गहलोत ने कहा कि हजारों साल पहले भगवान महावीर ने हमें यह संदेश दिया जिस पर हमें गर्व होना चाहिए। उन्होंने नागरिकों का आह्वान किया कि वे इस संदेश को ज्यादा से ज्यादा फैलाएं जिससे नई पीढ़ी में अच्छे विचार पैदा हों, जिसकी आज सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि समय के साथ-साथ सभी जगह धीरे-धीरे जो मूल्यों में गिरावट आती जा रही है वो चिंता का विषय बना हुआ है। कोई ऐसा क्षेत्रा नहीं है जो छूटा हो। श्री गहलोत ने कहा कि दुनिया और देश तभी सुख-शांति के क्षेत्रा में आगे बढ़ पायेंगे जब हम भगवान महावीर के संदेश को फैलायेंगे।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जैन मुनि से संदेश लेकर ही आगे बढ़े। सत्य और अहिंसा के आधार पर उन्होंने देश को एकजुट किया और तहलका मचा दिया तथा अंग्रेजों को भारत से भगाकर राष्ट्र को आजादी दिलाई। मुख्यमंत्राी ने कहा कि जैन दर्शन का अतीत तो शानदार है, वर्तमान भी शानदार है तो भविष्य भी कैसे शानदार बने इस पर सम्मेलन में आये संभागियों को गंभीरता से चिंतन करने की आवश्यकता है।
अधिवेशन में आचार्य श्री के नैतिकता विषय को पाठ्यक्रम में शामिल करने के सुझाव पर मुख्यमंत्राी ने कहा कि जैन समाज इस काम को हाथ में ले जिसमें मुख्य सचिव कोर्डिनेट करेंगे। उन्होंने कहा कि अच्छे नैतिक मूल्यों के साथ जीवन जीना जीवन की सबसे बड़ी पूंजी होती है। अच्छे संस्कार और नैतिक मूल्य इंसान को जीवन पर्यन्त मार्ग दर्शन करते हैं। श्री गहलोत ने कहा कि उन्होंने भी बचपन में महावीर के सिद्धांतों की शिक्षा ग्रहण की जिससे उन्होंने बहुत सी चीजें सीखने को मिली।
इस अवसर पर मुख्यमंत्राी को अखिल भारतीय श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ ने शॉल ओढ़ा कर तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
प्रारम्भ में वृहद् अधिवेशन स्वागत समिति के अध्यक्ष श्री एन.आर. कोठारी ने देश भर से आये अतिथियों का स्वागत किया।

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