संगीतोत्सव 2018 में कलाकारों ने बिखेरे संगीत के सुर

शास्त्रीय धुनों और सुरों की माला के साथ पिरोये नृत्य के आकर्षक रंगों ने करवाई सृष्टि के आनन्द की अनुभूति
संगीत मनीषी डो.जयचन्द्र शर्मा स्मृति संगीतोत्सव 2018 प्रारम्भ

बीकानेर 10 नवम्बर । श्री संगीत भारती एवं श्री तोलाराम हंसराज डागा चेरीटेबल ट्रस्ट के सन्युक्त तत्वावधान में हंशा गेस्ट हाउस गंगाशहर में संगीत मनीषी डॉ.जयचन्द्र शर्मा स्मृति संगीतोत्सव 2018 प्रारम्भ हुआ ।
समारोह का उद्घाटन करने के बाद चिंतक, आलोचक, कवि डॉ.नन्दकिशोर आचार्य ने कहा कि संगीत में सृष्टि के आनन्द की अनुभूति है । संगीत हमें अर्थोत्तर उत्कृष की ओर ले जाता है । डॉ. आचार्य ने संगीत मनीषी डॉ.जयचन्द्र शर्मा की संगीत साधना को रेखांकित करते हुए कहा कि कथक में डॉ.शर्मा का शोध उल्लेखनीय है । कार्यक्रम में अध्यक्ष भवानीशंकर व्यास “विनोद” ने कहा कि डॉ.जयचन्द्र शर्मा ने संगीत और साहित्य के मध्य अटूट सम्बन्ध स्थापित किया । उन्होंने कहा कि डॉ.शर्मा ने संगीत पर पुस्तकें, नृत्य नाटिकाएं, समीक्षाएं लिखकर आलोचना से जोडा । कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि मंडल रेल प्रबन्धक अनिलकुमार दुबे ने कहा कि यदि हमने अपने शास्त्रीय संगीत को नहीं बचाया तो वह आज के शोरगुल में गायब हो जाएगा । श्री संगीत भारती के निदेशक डॉ.मुरारी शर्मा ने आयोजन के उद्देश्‍यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज की पीढी को अपनी विरासत से जोडना आवश्यक है । अशफाक कादरी ने संगीतोत्सव की 13 वर्ष की स्वर यात्रा पर प्रकाश डाला । ट्रस्ट के अध्यक्ष हंसराज डागा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि संगीत मनीषी डॉ.जयचन्द्र शर्मा के आदर्शों को अपनाना चाहिए । लूणकरण छाजेड ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।

14 वीं अखिल भारतीय संगीत कलाप्रतियोगिता में साम्प्रदायिक सद्भाव के गूंजे गीत
इस अवसर पर आयोजित 14 वीं अखिल भारतीय संगीत कला प्रतियोगिता में साम्प्रदायिक सद्भाव के गीत प्रतियोगिता में लोपामुद्रा आचार्य और मोनिका प्रजापत ने गीत प्रस्तुत किए । कार्यक्रम में वरिष्ठ सारंगीवादक उस्ताद रज्जब अली, संगीतज्ञ हेमंत भट्ट निर्णायक बुलाकी शर्मा व राजेन्द्र जोशी का सम्मान किया गया ।

भातखंडे संगीत समारोह में नृत्य नाटिका “पंचवटी” का मंचन
संगीतोत्सव के अंतर्गत शाम को भातखंडे संगीत समारोह में जयपुर के जयकुमार जवडा ने कथक की प्रस्तुति दी। इनके साथ तबले पर पं.परमेश्वरलाल कथक, गायन में सांवरलाल कथक ने संगत की और सितार पर किशन कथक ने प्रस्तुति दी, दोनों को डॉ.जयचन्द्र शर्मा अवार्ड प्रदान किया गया । राजाराम स्वर्णकार द्वारा लिखित नृत्य नाटिका में परिकल्पना एवं निर्देशन-डॉ.मुरारी शर्मा नृत्य निर्देशन डॉ.कल्पना शर्मा संगीत एवं प्रकाश लक्ष्मीनारायण सोनी, पार्श्व स्वर रंगकर्मी आनन्द वी. आचार्य का था। कार्यक्रम में संस्था के कलाकार कोशिका लाटा, देवयानी, मोनिका, रेशु माथुर, मानसीसिंह, जयश्री, विदुषी, आयुषी, वर्षा, उत्सवी, धान्या आदि कलाकारों ने नृत्याभिनय किया ।

-✍️ मोहन थानवी

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