पुष्करणा ओलम्पिक सावे की तैयारियों को लेकर रमक-झमक की बैठक आयोजित

बीकानेर, 16 दिसम्बर। पुष्करणा ब्राह्मण समाज के ओलम्पिक सावे को लेकर रमक झमक की पहली बैठक बारहगुवाड़ स्थित कार्यालय में शनिवार देर शाम आयोजित हुई।
बैठक में अगले वर्ष 21 फरवरी को होने वाले पुष्करणा ब्राह्मण समाज के ओलम्पिक सावे के दौरान रमक-झमक द्वारा की जाने वाली व्यवस्थाओं के संबंध में चर्चा की गई। रमक-झमक के संयोजक प्रहलाद ओझा ‘भैंरू’ ने कहा कि ओलम्पिक सावा अपनी पूर्ण गरिमा और परम्पराओं के अनुसार हो तथा पुष्करणा ब्राह्मण समाज की संस्कृति बरकरार रहे, इस दिशा में संस्था सकारात्मक प्रयास करेगी।
अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी सुनील बोड़ा ने कहा कि ओलम्पिक सावे के दौरान समाज की परम्पराओं का निर्वहन करने वाले बंधुओं को संस्था द्वारा प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि सावे के दौरान विवाह कम से कम खर्च में हो, इसके लिए वर-वधू पक्ष को जागरुक करने के प्रयास होने चाहिए। फुटबाॅलर भरत पुरोहित ने कहा कि हमारे पूर्वजों द्वारा स्थापित सावे के मूल स्वरूप को बनाए रखने की दिशा में भी मंथन होना चाहिए।
जनसंपर्क अधिकारी हरि शंकर आचार्य ने कहा कि युवाओं को मितव्ययता की पहल करनी चाहिए तथा देखादेखी की होड़ में नहीं फंसते हुए न्यून खर्च में विवाह के समस्त संस्कारों का निर्वहन की ओर बढ़ना जरूरी है। शिवकुमार व्यास ने कहा कि पुष्करणा समाज का ओलम्पिक सावा पूरी दुनिया में अपनी विशेष पहचान रखता है। इसकी व्यापकता को विशेष ध्यान रखा जाए। योगेश बिस्सा ने कहा कि संस्था द्वारा पिछले एक दशक से ओलम्पिक सावे के दौरान विशेष व्यवस्थाएं की जाती हैं। यह अनुकरणीय है।
इस दौरान भवानी शंकर व्यास, आनंद मस्ताना, शिव छंगाणी, ए.के. चूरा, राजेश भादाणी, प्रहलाद व्यास ने भी विचार रखे। रमक-झमक के राधे ओझा ने बताया कि रमक-झमक द्वारा अगले दो महीनों तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा। शीघ्र ही विभिन्न कार्यकर्ताओं को अलग-अलग दायित्व दिए जाएंगे।

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