शाहपुरा(भीलवाड़ा),
रामस्नेही संप्रदाय के आद्याचार्य स्वामी रामचरण महाप्रभु त्रिशताब्दी प्राकट्य महोत्सव 2020 के अंर्तगत संप्रदाय के पीठाधीश्वर जगतगुरू आचार्यश्री स्वामी रामदयाल महाराज के 25 वें पाटोत्सव का विशाल मुख्य समारोह 20 जनवरी रविवार को रामनिवास धाम में होगा।
इसके तहत पंचदिवसीय सत्संग श्रृंखला में शनिवार को बारादरी में प्रवचन करते हुए आचार्यश्री स्वामी रामदयाल महाराज ने कहा कि सत्य ही राम है। सत्य के बिना सत्ता, सौंदर्य, सम्मान और सबकुछ बेकार है। सत्य है तो संपूर्ण जीवन सत है अन्यथा सब बेकार है। उन्होंने पाटोत्सव कार्यक्रम में अधिकाधिक भक्तों से शामिल होकर भक्तिवाद को बढ़ावा देने का आव्हान किया।
आचार्यश्री ने कहा कि मोह समस्त व्याधियों एवं बीमारियों का मूल हैं, संसार स्वप्न के समान हैं। मोह के कारण व्यक्ति को भांति-भांति के दुख और राग, द्वेष क्लेश की भावना का अनुभव होता है। मोह की निवृत्ति के बिना परमात्मा के चरणों में अनुराग नहीं हो सकता। हमें मोह का त्याग करना चाहिए। संसार के समस्त नाते-रिश्ते बंधन का कारण है जो जीव को संसार से बांधे रखते हैं। जब तक विवेक की जागृति नहीं होगी मुक्ति की प्राप्ति नहीं हो सकती है।
आचार्यश्री स्वामी रामदयाल महाराज ने कहा कि सांसारिक जीवन में हजारों लाखों लोग रोजाना धर्म की चर्चा करते हैं, परन्तु धर्म क्या है क्या कहता है, कैसे रहना चाहिए क्या करना चाहिए इस पर कोई चर्चा नहीं करता। धर्म के साथ भक्ति और भाव का होना भी जरूरी है। आपके जीवन में भक्ति और भाव नहीं होंगे तो आपको धर्म का महत्व नहीं पता चलेगा। इसलिए जीवन में मनुष्य भजन, कीर्तन, कथा, सत्संग में जाना चाहिए।
रामनिवास धाम में 20 जनवरी रविवार को पाटोत्सव का मुख्य समारोह होगा। इसमें कई संतों का आर्शिवाद प्राप्त होगा। 20 जनवरी को प्रातः 8.30 बजे से पाटोत्सव महोत्सव के तहत वाणीजी का पाठ होगा तथा 9 बजे से प्रवचन प्रांरभ होगें तथा उसके बाद प्रसादी का आयोजन भी होगा।