बीकानेर, 24 जनवरी। राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के तहत कृषि महाविद्यालय द्वारा आयोजित ‘मधुमक्खी पालन’ विषयक सात दिवसीय प्रशिक्षण गुरुवार को सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने कहा कि कोई भी प्रशिक्षण तभी सार्थक होता है जब प्रशिक्षणार्थी, इस दौरान प्राप्त ज्ञान का व्यावहारिक जीवन में उपयोग करें। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन में अपार संभावनाएं हैं। विद्यार्थी इसे उद्यम के रूप में विकसित करें। उन्होंने एग्रो मैनेंजमेंट को आज की जरूरत बताया तथा कहा कि महाविद्यालय, इन प्रशिक्षणार्थियों का निरंतर फीडबैक लें तथा व्यावहारिक तौर पर आने वाली समस्याओं के समाधान के प्रयास करें।
कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. आई. पी. सिंह ने बताया कि सात दिवसीय प्रशिक्षण 18 जनवरी को प्रारम्भ हुआ। इसमें भारतीय कृषि प्रबंधन संस्थान, कृषि महाविद्यालय तथा कृषि विज्ञान केन्द्र के 28 विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस दौरान विद्यार्थियों को झालावाड़ के उद्यानिकी महाविद्यालय, कोटा के कृषि अनुसंधान केन्द्र, अजमेर के राष्ट्रीय बीजीय मसाला केन्द्र तथा अजमेर के कृषि विज्ञान केन्द्र का भ्रमण करवाया गया। इस दौरान विद्यार्थियों को मधुमक्खी पालन पर आधारित व्यावहारिक ज्ञान दिया गया।
शैक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के रतनसिंह ने कहा कि ऐसे प्रशिक्षणों से विद्यार्थियों के कौशल में विकास होता है। प्रशिक्षणार्थी राजेन्द्र कुमार ने प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त अनुभव बताए। प्रशिक्षण के सहायक प्रभारी डाॅ. नरेन्द्र कुमार पारीक ने कहा कि सात दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को विषय विशेषज्ञों का मार्गदर्शन भी मिला। उन्होंने राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के उद्देश्यों एवं इसके तहत आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में बताया।
इस दौरान प्रायोगिक तौर पर एन्टरप्रेन्योर गतिविधियां करने पर रामचंद्र कुशवाहा, मनीष झा और रमनदीप सिंह को पुरस्कृत किया गया तथा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र दिए गए। इस दौरान डाॅ. राजेश शर्मा, डाॅ. मधु शर्मा, डाॅ. एल. एस. बारहठ, डाॅ. एन. एस. दहिया, डाॅ. पी. के. यादव, विक्रांत सिंह, महेन्द्र सिंह पंवार, भवानी सिंह, पुखराज जागरवाल सहित महाविद्यालय के शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
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आइएबीएम में बोर्ड आॅफ स्टडीज की बैठक आयोजित
बीकानेर, 24 जनवरी। भारतीय कृषि प्रबंधन संस्थान (आइएबीएम) में बोर्ड आॅफ स्टडीज (बाॅस) की बैठक गुरुवार को आयोजित हुई।
एसकेआरएयू के कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा के मार्गदर्शन तथा आइएबीएम के अधिष्ठाता प्रो. एन. के. शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के दौरान आइएबीएम में स्थापित पांच नए विभागों का अनुमोदन किया गया तथा इन विभागों के सुदृढ़ीकरण के संबंध में विचार विमर्श किया गया। अधिष्ठाता प्रो. शर्मा ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य की प्राप्ति में एग्रो बिजनेस की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। इसमें फसल उत्पादन में वृद्धि के साथ प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और मार्केटिंग आदि शामिल हैं। उन्हांेने बताया कि संस्थान में सीटों की संख्या 40 से बढ़ाकर 60 कर दी गई है। ऐसे में शैक्षणिक गुणवत्ता में और अधिक सुधार हो, इस दिशा में मंथन किया गया।
बैठक में शुष्क बागवानी अनुसंधान केन्द्र के डाॅ. पी. एल. सरोज, कृषि मंत्रालय के सहायक निदेशक डाॅ. अविनाश वानम, डाॅ. विमला डुकवाल, डाॅ. दीपाली धवन, डाॅ. वाई. सुदर्शन, डाॅ. मधु शर्मा, डाॅ. शुचि माथुर आदि मौजूद रहे।
