आयुर्वेद से गुर्दे के मरीजों को डायलिसिस से छुटकारा मिल सकता है

नवग्रह आश्रम में आयुर्वेद से किडनी रोग का उपचार करने के लिए काउंसलिंग शिविर प्रांरभ
आयुर्वेद से गुर्दे के मरीजों को डायलिसिस से छुटकारा मिल सकता है

रायला/ भीलवाड़ा/ शाहपुरा –
केंसर जैसे असाध्य रोगियों सहित सभी प्राणियों के रोग निदान के लिए संकल्पित भीलवाड़ा जिले के मोतीबोर खेड़ा में संचालित श्रीनवग्रह आश्रम में अब किडनी के रोगियों के लिए भी प्रति सप्ताह विशेष शिविर का आयोजन होगा। इसका शुभारंभ आज से आश्रम संस्थापक हंसराज चोधरी व आयुर्वेद चिकित्सक डा. प्रदीप चोधरी ने विधिवत तरीके से कर दिया गया है। पहले दिन ही 55 रोगियों को उपचार के बारे में जानकारी देकर दवा मुहैया करायी गयी। अब नवग्रह आश्रम में प्रत्येक शुक्रवार को प्रातः 10 बजे किडनी रोगियों की भी क्लास लगायी जायेगी।
आश्रम संस्थापक हंसराज चोधरी ने बताया कि पिछले लंबे समय से आश्रम में किडनी के रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए आज से यह नयी व्यवस्था की गई है। इसके तहत किडनी रोगियों की बाकायदा क्लास में कांउसलिंग करके उनको किडनी रोग के बारे में विस्तार से बताते हुए आयुर्वेद पद्धति से उपचार के बारे में समझाया गया। काउसंलिंग के दौरान रोगियों को खान पान में परहेज बताने के साथ आयुर्वेद उपचार को विस्तार से समझाया।
आयुर्वेद चिकित्सक डा. प्रदीप चोधरी ने बताया कि इंडो अमेरिक जर्नल ऑफ फार्मास्युटिकल रिसर्च में प्रकाशित एक शोध पत्र में आयुर्वेद से उपचार के फार्मूलों का जिक्र किया गया है। आयुर्वेद के फार्मूले पर पांच जड़ी-बूटियों से बनी दवा को लेकर पिछले दिनों यह शोध प्रकाशित हुआ है। इस दवा का निर्माण गोखरू, वरुण, पत्थरपूरा, पाषाणभेद तथा पुनर्नवा से किया गया है। पुनर्नवा गुर्दे की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को फिर से पुनर्जीवित करने में कारगर होता है। इसलिए आजकल इस आयुर्वेदिक फार्मूले का इस्तेमाल बढ़ रहा है।
आश्रम संस्थापक हंसराज चोधरी ने बताया कि आज विश्व की आबादी का बड़ा हिस्सा किडनी संबंधी समस्याओं से जूझ रहा है। अगर स्वस्थ जीवनशैली और खानपान अपनाया जाए तो इससे आसानी से बचा जा सकता है। हमारे शरीर को स्वस्थ और सक्रिय बनाए रखने के लिए किडनी फिल्टर की तरह रक्त को साफ करने का काम करती है। पाचन-क्रिया के दौरान हमारे भोजन से निकलने वाले सभी सूक्ष्म विषैले तत्व किडनी में ही जमा होते हैं और यूरिन के साथ शरीर से बाहर निकल जाते हैं। किडनी लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण और खून को साफ रखने में मदद करती है। किडनी का एक और कार्य है- विटमिन डी का निर्माण करना, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है। आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हमारे खानपान की आदतें बिगड़ती जा रही हैं। इसी वजह से किडनी की बीमारियों से ग्रस्त लोगों की तादाद बढ़ती जा रही है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर हम ऐसी समस्याओं से बचे रह सकते हैं।
वेद्य चोधरी के अनुसार किडनी डायलिसिस आज के समय एक आम समस्या बन गई है। हालांकि किडनी खराब होने के कई कारण हो सकते हैं जिन्हें अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। अगर इस रोग के इलाज की बात करें तो करीब 90 प्रतिशत लोग अंग्रेजी दवाओं और इलाज का रुख करते हैं। जबकि किडनी डायलिसिस के लिए आयुर्वेद में भी इलाज मौजूद है। गुर्दा खराब होने पर मरीजों को डायलिसिस पर रहना पड़ता है जबकि आयुर्वेद में ऐसी दवाएं मौजूद हैं जो न सिर्फ गुर्दे के मरीजों को डायलिसिस पर जाने से बचाती हैं बल्कि डायलिसिस से छुटकारा भी दिला देती हैं।
उन्होंने बताया कि इसके लिए सामान्य व्यक्ति को भी अगर किडनी को स्वस्थ रखना है तो ज्यादा पानी पीना बेहतर उपचार है। इसके लिए हर सामान्य स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन औसतन 4-5 लीटर पानी पीना चाहिए। पानी शरीर में मौजूद कई तरह के विषैले तत्वों को यूरिन के साथ आसानी से बाहर निकाल देता है और पाचन-तंत्र की कार्य प्रणाली को भी दुरुस्त रखता है। इससे कब्ज की समस्या नहीं होती। इसके अलावा पानी शरीर में रक्त प्रवाह को सही रखते हुए खून को गाढ़ा बनने से रोकता है। ज्यादा पानी पीने से ब्लडप्रेशर का स्तर भी संतुलित बना रहता है।
रोजाना के भोजन में चीनी और नमक का अधिक मात्रा में इस्तेमाल किडनी की सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह साबित होता है। इन दोनों चीजों की अधिकता से उसके काम करने की गति धीमी पड़ जाती है। इसलिए मिठाइयों, चॉकलेट, केक-पेस्ट्री, वेफर्स, प्रोसेस्ड फूड, अचार, पापड़ और चटनी जैसी चीजों का सेवन सीमित मात्रा में करें क्योंकि इनमें नमक और चीनी का भरपूर मात्रा में इस्तेमाल होता है। इसके अलावा नॉनवेज, मशरूम और दालों का सेवन भी संतुलित मात्रा में करना चाहिए क्योंकि इनमें भरपूर प्रोटीन पाया जाता है। यह शरीर के लिए बेहद जरूरी है, लेकिन इसकी अधिकता की वजह से यूरिक एसिड की समस्या हो सकती है। इसी तरह मिल्क प्रोडक्ट्स का सेवन हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी होता है, लेकिन इसकी अधिकता की वजह से स्टोन की समस्या हो सकती है। इसके अलावा जहां तक संभव हो एल्कोहॉल-सिगरेट से दूर रहने की कोशिश करें क्योंकि ये चीजें लिवर के अलावा किडनी को भी बहुत नुकसान पहुंचाती हैं।
इस मौके पर महिपाल चोधरी, प्रवेश आचार्य, हरफूल चोधरी, चरणसिंह, जितेंद्र चोधरी, अजय चोधरी, सुरेंद्र सिंह मौजूद रहे।

श्री नवग्रह आश्रम सेवा संस्थान
(मीडिया विंग)
मोतीबोर का खेड़ा
तहसील आसींद जिला भीलवाड़ा

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