मृतक बंदी के परिजन को एक लाख रूपए की सहायता राशि स्वीकृति

बीकानेर, 26 मार्च। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने मानवाधिकार आयोग की सिफारिशों के आधार पर मृतक बंदी सुरेन्द्र कुमार पुत्र मोहर सिंह जाटव निवासी फाजिल्का, जिला फिरोजपुर के निकटतम परिजन को एक लाख रूपए की आर्थिक सहायता देने की स्वीकृति दी है।
गौतम ने बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सिफारिशों के आधार पर पीडि़त व्यक्तियों को सहायता 12 सहायतार्थ अनुदान (राज्य निधि) से आहरित कर डिमाण्ड ड्राफ्ट द्वारा भुगतान किए जाने की स्वीकृति दी गई है।
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बाल-वाहिनियों की सुरक्षा के संबंध में गौतम ने दिए दिशा निर्देश
बीकानेर, 26 मार्च। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है। उनकी सुरक्षा के साथ किसी भी स्तर पर समझौता नहीं होगा। स्कूल प्रबंधक व वाहन मालिक यह सुनिश्चित कर लें कि बाल वाहिनियों में सुरक्षा के सभी इन्तजाम हों, साथ ही वाहन चालक व परिचालक को यातायात नियमों की जानकारी हो तथा उनके पास वैध लाइसेंस होना चाहिए।
जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने बाल वाहिनी योजना के तहत इस सम्बंध में निर्देश दिए कि स्कूल प्रबंधन, बच्चों के अभिभावकों, वाहन संचालक सरकार द्वारा बाल वाहिनी के संचालन के लिए जो नियम और शर्तें हैं, उन सबकी पालना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर बाल वाहिनी संचालन में नियमों की अवहेलना की गई, तो सम्बन्धित के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। सभी नियमों की पालना सुनिश्चित हो जाने के बाद ही स्कूल प्रबंधक बाल वाहिनी के माध्यम से बच्चों को स्कूल लाने व घर छोड़ने के उपयोग में लेगा।
कुमार पाल गौतम ने कहा बाल वाहिनी के भीतर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था हो। विशेष योग्यजन बालकों के चढ़ने-उतरने के लिए समुचित व्यवस्था हो तथा बाल वाहिनी में उनके बैठने के लिए एक निश्चित स्थान आरक्षित किया जाए। जो भी बाल वाहिनी चाहे वो स्कूल प्रबंधन द्वारा संचालित की जा रही हो या किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा अपने स्तर पर संचालित की जा रही हो, उसके वाहन चालक तथा परिचालक का नाम, मोबाइल नम्बर तथा लाईसेन्स की प्रति स्कूल प्रबन्धन, यातायात पुलिस, सम्बन्धित पुलिस थाने तथा परिवहन विभाग के पास आवश्यक रूप से होनी चाहिए।
जिला कलक्टर ने कहा कि स्कूल व कॉलेज के प्राचार्यों को चाहिए कि वे बच्चों को यातायात नियमों की पालना करने के लिए समय-समय पर जानकारी दें। साथ ही स्कूल में अगर 18 वर्ष से कम आयु का बच्चा वाहन ले कर आता है, तो उसे वाहन चलाने से रोकें तथा 18 वर्ष से अधिक के छात्र-छात्राएं अपना वाहन लेकर आते हैं तो उन्हें हेलमेट के उपयोग करने के लिए पाबंद करें। जिससे छात्र-छात्राओं में यातायात नियमों के प्रति जागरूकता होगी तथा नियमों का पालन भी होगा।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय को देनी होगी सम्पूर्ण जानकारी
गौतम ने सभी स्कूल प्रबन्धकों को निर्देश दिए हैं कि बाल वाहिनी चालक का एक फोटो, चरित्र प्रमाण-पत्र तथा बाल वाहिनी के सम्पूर्ण कागजों की प्रतियों के साथ ही वाहन की फिटनेस का प्रमाण-पत्र सहित सभी दस्तावेज पुलिस अधीक्षक कार्यालय को ई-मेल के माध्यम से भेंजे। उन्होंने कहा कि बाल वाहिनी संचालन के लिए सभी स्कूल प्रबंधक एक नोडल अधिकारी नियुक्त कर दें तथा नोडल अधिकारी के मोबाइल नम्बर पुलिस अधीक्षक कार्यालय को उपलब्ध करवा दिया जाए। जिससे बाल वाहिनी से जुड़ी किसी भी बात पर सीधे नोडल अधिकारी से बात कर आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए जाएं।
बाल वाहिनी का रंग पीला होना चाहिए। बाल वाहिनी के पीछे वाले हिस्से पर सम्बन्धित विद्यालय का नाम, दूरभाष नम्बर, पता एवं वाहन चालक तथा परिचालक का नाम अंकित होना चाहिए। बस बाल वाहिनी पर होरिजॉन्टल रुप से लोहे का पाईप लगा हो तथा ऑटो, वैन व मैजिक में दरवाजों पर गेट पर लॉक होना चाहिए तथा ऑटो के ड्राईवर वाली साइड व पीछे ऐसी ग्रिल होनी चाहिए जिससे कोई बालक गिर ना सके। बाल वाहिनी के पीछे के हिस्से में पुलिस हैल्पलाइन का नंबर लिखा होना चाहिए, साथ ही जिस क्षेत्र की स्कूल है उस क्षेत्र के थाने का नंबर भी अंकित होना चाहिए।
गौतम ने कहा की सभी स्कूल प्रबन्धक यह सुनिश्चित करें, कि 20 वर्ष पुराना वाहन बाल वाहिनी के रूप में उपयोग में नही लिया जाए तथा वाहन की गति 60 किलोमीटर प्रति घंटे से कम होनी चाहिए।
बाल वाहिनियों की हो नियमित जांच
कुमार पाल गौतम ने निर्देश दिए हैं कि बच्चों को स्कूल लाने ले जाने में नियोजित वाहनों में आयोग के दिशानिर्देशों के अनुरूप सुरक्षा मानकों की पालना सुनिश्चित करवाएं और इन वाहनों की नियमित जांच हो तथा यदि किसी भी प्रकार की कोताही मिलने पर सम्बंधित के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही अमल में लाएं।

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