बलात्कारी को सजा दिलाने वाली महिला को फंसाने की साजिश

भीलवाड़ा (17 मई 2019) – अपनी बेटी के बलात्कारी को सजा दिलवाने के लिए कदम उठाए, बिना किसी की परवाह किए कानूनी लड़ाई लड़ी और बलात्कार के आरोपी अपने ही परिवार के युवक को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया। उसने समाज के पंचों व गांव के लोगों की बात नहीं मानी तो उन्होंने ना-ना प्रकार के दबाव बनाए और गांव से बहिष्कृत भी कर दिया। इन सब से जी नहीं भरा तो उसके खिलाफ पुलिस थाने में फर्जी मामला दर्ज करवा दिया। यह कहना है बलात्कार पीड़िता की मां समता सालवी (बदला हुआ नाम) का।
समता सालवी आज अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक से मिली और अपने उपर लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच करने की मांग की। साथ ही पीड़िता ने गंगापुर के डिवाईएसपी पर पीड़ा न सुनने और दुत्कार कर पुलिस थाने भेज देने का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस उपाधिक्षक का झुकाव उसके विरोधियों की ओर है तथा वे पूर्वाग्रह से पीड़ित होकर कार्यवाही करवा रहे है। उसने एसपी से मांग की कि इस मामले की जांच उनके दिशा निर्देशन में ही करे।

गांव वालों ने कर दिया गांव से बहिष्कृत, मजबूरी में पति व बच्चों सहित छोड़ना पड़ा गांव
उल्लेखनीय है कि समता सालवी (काल्पनिक नाम), रायपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की ये वो महिला है, जिसकी नाबालिग बेटी मीना सालवी (काल्पनिक नाम) के साथ उसी के परिवार के 22 वर्षीय युवक मासिंगपुरा निवासी प्रहलाद उर्फ पप्पू सालवी ने 27 मई 2017 को बलात्कार कर दिया। इसकी सूचना मिलने पर समता सालवी ने आरोपी के खिलाफ पुलिस थाने में रिपोर्ट देनी चाही। तब समाज के पंचों व गांव के लोगों ने घर का मामला बताते हुए समझौता करने के लिए दबाव बनाया। मगर समता सालवी नहीं मानी और उसने पंचों व गांव के लोगों के प्रस्ताव को दरकिनार करते हुए रायपुर पुलिस थाने में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया। आरोपी के खिलाफ भादस की धारा 376 व लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 3 व 4 के तहत एफआईआर (123/2017) दर्ज कर जांच की। इस मामले में आरोपी के विरूद्ध चालान पेश किए गए व आरोपी वर्तमान में जेल में है। समता सालवी द्वारा आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने तथा समझौता करने के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करने से खफा पंचों व गांव वालों ने समता सालवी के परिवार को गांव से बहिष्कृत कर दिया। मौखिक घोषणा कर दी गई कि – गांव का जो भी व्यक्ति समता सालवी या उसके परिवार के लोगों से बातचीत करेगा तो उस पर 1100/- दण्ड लगाया जाएगा। उसके बाद से गांव के लोगों ने उससे व उसके परिवार वालों से बातचीत करना बंद कर दिया। साथ ही ढ़ोल बजाने वाले को भी पाबंद कर दिया कि वो त्यौहार के अवसर पर समता सालवी के घर के बाहर ढ़ोल नहीं बजाएगा। गांव वालों के इस कृत्य से आहत समता सालवी ने परिवार सहित गांव छोड़ दिया और करेड़ा गांव में किराए के मकान में रहने लगी। उसने अपने बच्चों को करेड़ा के स्कूल में भर्ती करवाया दिया। उसके बाद से वह और उसका पति अवकाश के दिनों सहित यदाकदा मासिंगपुरा में जाते है और घर के आवश्यक काम निबटाकर वापस करेड़ा चले जाते है।

जेल में बंद बेटे को छुड़ाने के लिए रचा षडयंत्र
समता सालवी ने आरोप लगाए है कि उसकी बेटी के साथ बलात्कार करने वाला आरोपी युवक जेल में है। उसे जेल से निकलवाने के लिए उसके परिजन व गांव वाले अवैध तरीके अपना रहे है। जेल में बंद युवक के पिता व अन्य परिजनों ने गांव की पूजा खटीक पत्नी मुकेश खटीक से मिलकर झूठी कहानी बनाकर उसके खिलाफ रायपुर पुलिस थाने में उसके व उसके पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।

आपको बता दे कि 9 मई 2017 को पुलिस थाना रायपुर में मासिंगपुरा निवासी पूजा पत्नी मुकेश खटीक ने एक झूठा परिवाद दिया। पूजा खटीक ने परिवाद में कहा है कि ‘‘वो 6 मई 19 को शाम को खेत से अपने घर पर आ रही थी, तब समता सालवी, उसके पति व गोटु सालवी ने उसे खेत के रास्ते में रोका और उसे लोन दिलवाने की बात कहकर उसके फोटो खींचे। 7 मई 2019 की शाम को गोटू सालवी उसके घर पर गया तथा लोन का फॉर्म भरने व उस पर हस्ताक्षर करने के लिए पूजा खटीक को अपने घर पर बुलाया। वो गोटू के घर नहीं गई, इस बीच गोटू उसे बुलाने के लिए तीन बार उसके घर पर गया। उसके बाद पूजा खटीक अपने पति मुकेश खटीक के साथ गोटू सालवी के घर गई। वहां गोटू सालवी ने पूजा खटीक को उसके घर के बगल वाले समता सालवी के घर भेज दिया और उसके पति मुकेश खटीक को अपने घर के बाहर ही रोक लिया। पूजा खटीक समता सालवी के घर पहुंची तो वहां उसका पति व एक काला आदमी था। उन तीनों ने पूजा खटीक को पकड़ा और घर के अंदर ले गए। वहां समता सालवी ने फोन पर बात करते हुए पूजा खटीक का नाप लिया और फोन पर ही किसी को कहा कि – औरत अच्छी है, काम आ जाएगी। उसके बाद काले आदमी व समता सालवी के पति ने उसके साथ अश्लील हरकतें की और बलात्कार करने का प्रयास किया। उन्होंने धमकी दी कि – हम तूझे जैसा कह रहे है वैसा कर ले व किसी को बताना मत, तूझे रूपए दे देंगे। अगर तूने बात नहीं मानी तो तूझे जबरदस्ती उठाकर ले जायेंगे, तू व तेरा पति और पुलिस हमारा कुछ नहीं कर सकते, हमारा बहुत बड़ा गिरोह है। पूजा द्वारा हो हल्ला करने पर उसके पति ने आकर अभियुक्तगणों से मुझे बचाया। आगे लिखा कि – उसने घटना वाले दिन ही यानि 7 मई 2019 को पुलिस थाने में लोक लाज के चलते रिपोर्ट नहीं दी लेकिन अब पूरे गांव के लोगों का साथ मिल रहा है इसलिए वो रिपोर्ट दे रही है।

पूनमनाथ सपेरा पर लगाए साजिश करने व रूपए ऐंठने के आरोप
अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक को दिए गए परिवाद में समता सालवी ने दलित अधिकार नेटवर्क के जिलाध्यक्ष पूनमनाथ सपेरा पर गंभीर आरोप लगाए है। समता सालवी ने कहा कि मासिंगपुरा के लोगों व पूजा खटीक को भड़का कर पूनमनाथ सपेरा ने उसके खिलाफ साजिश रची है। इन सबके कॉल डिटेल के माध्यम से आरोपों की जांच की जा सकती है। उसने कहा कि पूनमनाथ सपेरा ने पूजा खटीक साथ मिलकर उसके खिलाफ फर्जी मामला दर्ज करवाया है तथा अब रूपए ऐंठना चाहता है। उसने कहा कि पूनमनाथ सपेरा ने बिना किन्हीं प्रमाण के उस पर देह व्यापार में संलग्न होने और लड़कियों को देह व्यापार में धकलने के झूठे आरोप लगाए है, तथा अपने गिरोह के लोगों के साथ मिलकर रायपुर पुलिस थाने में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के लिए पुलिस पर दबाव बनाया और मीडिया को भ्रामक सूचनाएं दी। पूनमनाथ सपेरा ने अपने सहयोगियों के साथ रायपुर पुलिस थाने पर प्रदर्शन करवाकर दबाव बना कर फर्जी मामले की एफआईआर दर्ज करवा ली। 11 मई 2019 को एफआईआर दर्ज हो जाने के बाद 13 मई 2019 को उसने गंगापुर पुलिस उपाधिक्षक जीवन सिंह के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करवाया और रायपुर पुलिस थानाधिकारी सुरेन्द्र सिंह गोदारा व जांच अधिकारी पर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ भी कार्यवाही की मांग की।

धरने प्रदर्शन कर बनाता है दबाव, फिर मोटी रकम लेकर करवाता है समझौते
समता सालवी ने परिवाद में बताया कि पूनमनाथ सपेरा विभिन्न मामलों में पहले तो धरने-प्रदर्शन करके निर्दोष लोगों के खिलाफ दबाव बनाता है, मामलों को तूल पकड़वाने के बाद मोटी रकम लेकर दोनों पक्षों के बीच समझौते करवाता रहा है। समता सालवी ने पूनमनाथ सपेरा के नेतृत्व में अब तक किए गए धरने-प्रदर्शनों की विशेष जांच करवाने की मांग भी की।

समता ने की मांग – एसपी के दिशा निर्देशन में हो जांच कार्यवाही
समता सालवी ने कहा कि पूनमनाथ सपेरा ने रायपुर पुलिस थाने में प्रदर्शन किया, जिससे दबाव में आकर रायपुर पुलिस ने उसके व उसके पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। जबकि 15 मई 2019 को समता सालवी के द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक को दिए गए परिवाद पर अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। उसने कहा कि हम पीड़ित परिजन अपनी पीड़ा लेकर पुलिस उपाधिक जीवन सिंह के पास भी गए लेकिन उन्होंने हमारी पीड़ा नहीं सुनी और दुत्कारते हुए कहा कि – यह थाने का मामला है, वहीं पर जाओ। एक जिम्मेदार ओहदे पर बैठे पुलिस अधिकारी का इस प्रकार का बर्ताव दर्शाता है कि वो पूर्वाग्रह से पीड़ित है। समता ने एसपी के दिशा निर्देशन में उसके परिवाद पर एफआईआर दर्ज करवाने व निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की। इस दौरान मेघवंशी युवा परिषद के प्रभू लाल मेघवंशी, कन्हैया लाल मेघवंशी सहित सालवी समाज के कई लोग मौजूद थे।

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