शाहपुरा में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति तोड़ने का आरोपी गिरफ्तार

शाहपुरा थाना पुलिस ने 12 अगस्त को शाहपुरा के उमेश सागर चौराहा पर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति की गर्दन तोड़ कर फेंक देने के मामले में आज एक आरोपी को गिरफ्तार किया है । हम आपको बताते हैं वारदात के दिन ईद का त्यौहार होने तथा डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के धारा 370 हटाने के आंदोलन का प्रणेता होने के कारण शाहपुरा में भाजपाइयों में आक्रोश व्याप्त हो गया था । इसी मामले को लेकर घटना के तुरंत बाद जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट , पुलिस अधीक्षक हरेंद्र महावर मौके पर पहुंचे थे और आक्रोशित भाजपाइयों को आश्वासन दिया था कि इस मामले का राज पास किया जायेगा।
शाहपुरा थाना प्रभारी भजनलाल ने बताया कि पुलिस अधीक्षक हरेंद्र महावर स्वयं 3 दिन तक शाहपुरा थाने में रहे और मामले का सुपरविजन करते रहे उनके निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शाहपुरा अनुकृति उज्जैनिया, पुलिस उपाधीक्षक भरत सिंह के निर्देशन में शाहपुरा थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिसकर्मियों की अलग-अलग टीमों का गठन किया गया। इन टीमों ने इस मामले की गहनता से जांच पड़ताल की क्योंकि यह मामला पुलिस के लिए एक चुनौती बन चुका था । डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जनसंघ के संस्थापक थे तथा जम्मू कश्मीर में धारा 370 को हटाया जाने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के प्रणेता थे । जिस दिन यह मूर्ति तोड़ी गई थी । उस दिन ईद का भी त्यौहार था। इस कारण पुलिस ने जन भावनाओं के मद्देनजर इस घटना को चुनौती के रूप में स्वीकार किया और लंबी मशक्कत के बाद आज इस मामले का खुलासा हो सका।
थाना प्रभारी ने बताया कि शाहपुरा कस्बे के लगभग सभी सीसीटीवी कैमरा के फुटेज खंगाले गए तथा 10 किलोमीटर के दायरे में 220 व्यक्तियों को संदिग्ध मानकर उनसे गहनता से पूछताछ की गई। इसके अलावा शाहपुरा तथा जिले के आदतन अपराधियों के बारे में भी उन को बुलाकर पूछताछ की गई। लगभग 3000 व्यक्तियों के कॉल डिटेल निकलवा कर उसके आधार पर भी तकनीकी जांच की गई। इस दौरान पुलिस को यह जानकारी मिल पाई की जिस दिन सुबह यह वारदात जानकारी में आई उसकी विगत रात्रि में 1:00 बजे के करीब मूर्ति के आसपास तीन लोगों को बैठा हुआ देखा गया था। उस स्थान की बारीकी से जांच करते हुए सैंडल जूतों के निशान लिए गए तथा घटनास्थल से मिले पत्थर के बारे में जनता से जांच की गई तो यह जानकारी मिली कि रामपुरा बस्ती में स्थित भेरुजी के स्थान के पास से यह पत्थर उठाया गया था। विभिन्न बिंदुओं पर की गई ।जांच के बाद रामपुरा बस्ती के निवासी कैलाश पुत्र शंकर तेली को संदिग्ध मानते हुए हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की तो उसने वारदात करना कबूल किया। इस आरोपी ने पुलिस को बताया कि मूर्ति के चारों तरफ सुरक्षा की दृष्टि से लगे लोहे के भालों की जो रेलिंग लगाई हुई है उसमें उसकी पड़ोसी की गाय फंसकर चोट ग्रस्त हो गई थी ।इसके कारण उसके मन में आक्रोश था और उसको लगा कि कभी भी उसकी स्वयं की गाय भी यहां फर्स्ट सकती है और गुस्से में आकर उसने पत्थर से मूर्ति को खंडित कर दिया ।
शाहपुरा थाना अधिकारी ने बताया कि इस मामले की जांच पड़ताल में जो सक्रिय टीम बनाई गई थी उसमें थानाधिकारी शाहपुरा भजनलाल, थानाधिकारी मंगरोप महावीर प्रसाद, एसआई पृथ्वीराज व बन्नाराम, हेड कांस्टेबल मुकेश कुमार, सत्यनारायण, गोपाल लाल, वीरमा राम, कांस्टेबल गोपाल, राजेंद्र, सीताराम ,देवराज, गुलाबचंद ,राधेश्याम ,राम सिंह ,प्रह्लाद पन्नालाल, नवरत्न ,जगदीश शामिल थे। थाना अधिकारी ने बताया कि पुलिस अधीक्षक भीलवाड़ा ने शाहपुरा पुलिस थाने की इस टीम को बधाई देते हुए प्रशंसा भी की है तथा हौसला अफजाई के लिए टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा भी की है।

मूलचंद पेसवानी

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