शब्द और संस्कार की विरासत सम्भालना बेहद मुश्किल कर्म – भाटी

रतनलाल व्यास साहित्य एवं शैक्षणिक संस्थान, फलोदी का सम्मान समारोह सम्पन्न । बीकानेर के रवि पुरोहित पुरस्कृत ।
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बीकानेर । शब्द और संस्कार की विरासत सम्भालना बेहद मुश्किल कर्म है और आज के आर्थिक चुनौतियों के समय में कोई बिरला ही इसे मन, कर्म और वचन से अंगीकार कर सकता है । ये विचार साहित्य-संस्कृति के मर्मज्ञ डॉ. आईदानसिंह भाटी ने व्यक्त किए । पूनम पैलेस फलोदी में आसु कवि रतनलाल व्यास साहित्य एवं शैक्षणिक संस्थान द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में अध्यक्षीय उद्बोधन करते हुए डॉ. भाटी ने कहा कि साहित्य और काव्य व्यक्ति का सर्वागीण विकास करते हैं,मनुष्य का जीवन बढे चलो-बढे चलो का नाम है । समाज में साहित्य का वातावरण सदैव मजबूत होना चाहिए क्योंकि साहित्य समाज के लिए बेहद जरूरी है। किसी शब्दधर्मी को इससे बेहतर तरीके से याद नहीं किया जा सकता कि उसकी स्मृति में शब्द और संस्कार की विरासत को आगे बढाया जाए ।
श्रोताओं से खचाखच भरे सभागार में इस अवसर पर बीकानेर के साहित्यकार रवि पुरोहित को आसु कवि रतनलाल व्यास श्रेष्ठ साहित्य सृजन पुरस्कार-2019 से नवाजा गया । पुरस्कार स्वरूप ग्यारह हजार की नगद राशि, सम्मान-पत्र, श्रीफल और स्मृति चिह्न अर्पित किए गए । इस अवसर पर उल्लेखनीय साहित्यिक अवदान हेतु वरिष्ठ साहित्यकार नवल जोशी पोकरण, कवि अब्दुल समद राही, सोजत और फलोदी के सूर्यप्रकाश जीनगर को भी पुरस्कृत-सम्मानित किया गया ।
पुरस्कृत साहित्यकार रवि पुरोहित ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि स्वार्थ की सत्ता, मतलब के अनुशासन के आज के विद्रूप समय में शब्द जैसे गिरवी रख दिया गया है । चौबीसों घण्टे संस्कार व अध्यात्म के चैनल चलते हैं पर हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं । आंखों में पानी तो बचा ही नहीं, और अगर कहीं भूल से बच भी गया तो शर्मिदा-सा मुंह लुकोये पड़ा है । ऐसे में साहित्यकार का सम्मान एक संस्कार का सम्मान और आने वाली पीढी को संस्कारित करने का उपक्रम है, वहीं साहित्यकार की सामाजिक जिम्मेदारी को भी बढा देता है । समारोह को मुख्य अतिथि प्रेमप्रकाश व्यास और प्रवीण व्यास ने भी सम्बोधित किया । चन्द्रभान विश्नोई के प्रभावी संचालन में आयोजित समारोह में स्वागत एडवोकेट श्रीगोपाल व्यास और आभार ज्ञापन गोरधन जयपाल ने किया ।
इस अवसर पर हास्य-व्यंग्य के कवि विजय धमीजा एवं शंकरसिंह राजपुरोहित बीकानेर तथा कवियत्री- शायरा सलोनी पुरोहित जोधपुर ने अपनी काव्य रचनाओं की शानदार प्रस्तुति दी।
दो काव्य कृतियां लोकार्पित – आयोजित समारोह में एडवोकेट श्रीगोपाल व्यास द्वारा रचित काव्यकृति अनुगूंज बैचेन मन की तथा सूर्यप्रकाश जीनगर द्वारा रचित रेत से हेत का विमोचन भी किया गया।

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