मोतीबोर का खेड़ा दुग्ध समिति द्वारा 53 हेलमेट का वितरण

दुग्धदाताओं को हेलमेट देने से सड़क सुरक्षा के प्रति गांव गांव जागरूकता आयेगी-चोधरी

शाहपुरा -(मूलचन्द पेसवानी)
मोतीबोर का खेड़ा दुग्ध उतपादक सहकारी समिति लि. की ओर से शनिवार को 53 दुग्धदाताओं को हेलमेट का वितरण किया गया। इसमें कुल कीमत की आधी राशि दुग्ध समिति व आधी राशि भीलवाड़ा डेयरी ने वहन किया है।
दुग्ध उतपादक सहकारी समिति लि. मोतीबोर का खेड़ा के अध्यक्ष हंसराज चोधरी ने समिति परिसर में वितरण कार्यक्रम में 53 हेलमेट पहना कर सभी को जीवन की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि दुग्ध समिति के दुग्धदाता सुरक्षित है तो पूरा गांव सुरक्षित रहेगा, इसलिए सभी वर्तमान में मास्क के साथ साथ हेलमेट को भी अनिवार्य रूप् से पहन कर बाइक चलाये।
इस मौके पर चोधरी ने कहा कि सड़क दुर्घटना में होने वाली प्रत्येक मौत विचलित करने वाली होती है। पूरा परिवार इससे बिखर जाता है और जिस पीड़ा से गुजरता है उसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। बीते कुछ समय से राज्य में सड़कों की स्थिति बेहतर हुई है, लेकिन इन पर तेज रफ्तार से दौड़ते वाहनों के कारण दुर्घटनाएं भी बढ़ी हैं। ऐसे में पुलिस और परिवहन सहित अन्य संबंधित विभाग सड़क सुरक्षा को लेकर बड़े रूप में जागरूकता अभियान चलाएं।
चोधरी ने कहा कि परिवहन विभाग भी सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए संकल्पबद्ध है। प्रदेश में मोटरयान अधिनियम-2019 लागू करने के पीछे राज्य सरकार की मंशा यही है कि लोगों को दुर्घटनाओं का शिकार होने से बचाया जा सके। सरकार ने जनहित को सर्वाेपरि रखते हुए अपने क्षेत्राधिकार में तर्कसंगत आधार पर जुर्माना राशि का निर्धारण किया है। लोगों को नियमों का पालन करते हुए हेलमेट पहन कर अपनी सुरक्षा करनी चाहिए। चोधरी ने पशुपालकों की जीवन रक्षा के लिए भीलवाड़ा डेयरी संघ द्वारा की गई इस अभिनव पहल की सराहना करते हुए कहा कि अन्य दुग्ध उत्पादक सहकारी संघों को भी इससे प्रेरणा मिलेगी।
चोधरी ने कहा कि भीलवाड़ा डेयरी द्वारा करीब तीन हजार दुग्ध उत्पादकों को रोड सेफ्टी का प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सड़क सुरक्षा सोसायटी के सहयोग से अच्छी गुणवत्ता के 15 हजार हेलमेट पशुपालकों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसमें कीमत के मात्र 35 प्रतिशत पर लाभार्थी को हेलमेट दिया जा रहा है। शेष अंशदान दुग्ध संघ तथा संबंधित दुग्ध समिति द्वारा वहन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना के इस समय में भी भीलवाड़ा डेयरी अपने दुग्ध उत्पादकों को समय पर भुगतान भी कर रही है।

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