मुख्यमंत्री इस्तीफा दें व संबंधित विधायकों का करायें नारको टेस्ट-देवनानी

प्रो. वासुदेव देवनानी
जयपुर, 29 नवम्बर।
बीटीपी के दो विधायकों को दस-दस करोड रूपये देने संबंधि वायरल हुए कांग्रेस विधायक महेन्द्रसिंह मालवीय के वीडियो पर राजनीति गलियारों में सियासत अभी गरमा ही रही है। वायरल वीडियो पर अपना बयान जारी करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि विधायक मालवीय के वायरल वीडियो ने मौजूदा प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर प्रश्न-चिन्ह खडा कर दिया है। वर्तमान हालात में संबंधित विधायकों के नारको टेस्ट कराने की आवश्यकता है ताकि कांग्रेस का काला सच प्रदेश की जनता के सबके सामने आ सके।
विधायक देवनानी ने कहा कि भाजपा ने बाडाबंदी के दौरान कांग्रेस पर जो आरोप लगाए थे उनकी पुष्टि यह वीडियो करता है। कांग्रेस सरकार में पहले मंत्री रह चुके एवं वर्तमान में विधायक मालवीय जो की गहलोत गु्रप के माने जाते है के वीडियो ने कांग्रेस के चेहरे से नकाब हटा दिया है। मालवीय ने सार्वजनिक रूप से अपने भाषण में बीटीपी के 2 विधायकों को दस-दस करोड रूपये दिए जाने की जो जानकारी दी है उसने कांग्रेस और मुख्यमंत्री गहलोत के कारनामें को बयां कर दिया है। कांग्रेस के नेता सत्ता की चासनी चखने के लिए किस हद तक गुजर सकते हैं इसकी यह बानगी मात्र है।

देवनानी ने कहा कि सरकार को बचाने के लिए निश्चित रूप से विधायकों की खरीद-फरोख्त हुई है। भाजपा यह कहती ही रही है और वायरल वीडियो ने यह साबित कर भी दिया है। इससे यह भी लगता है कि यह सरकार बहुमत में नहीं है। यह बाहुबल-धनबल व सरकारी मशीनरी के दुरपयोग के आधार पर टिकी हुई है। अपनी प्रसिद्धि के कसीदे कसने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में थोडी बहुत गरिमा शेष रह गई हो तो तुरंत प्रभाव से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए।

मजबूत विपक्ष भाजपा के दबाव में आखिर सरकार को झूकना पडा व देनी पडी नियुक्तियां-देवनानी
जयपुर, 29 नवम्बर।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि आखिर प्रदेश सरकार की कुंभकरणी नींद टूट ही गई। उसे मजबूत विपक्ष भाजपा के बढते दबाव के आगे झूकते हुए शिक्षक भर्ती 2018 की प्रतीक्षा सूची जारी करने के निर्देश निकालने पडे व बेरोजगारों को नियुक्तियां देनी ही पडी।
अजमेर उत्तर विधायक देवनानी ने कहा कि गत भाजपा सरकार में 54 हजार से ज्यादा शिक्षक पदों की भर्ती निकाली गई थी उनमें से कानूनी पेचीदगियों के कारण माननीय न्यायालय में मामला लंबित होने से 3500 शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाई। कांग्रेस सरकार पिछले दो साल से सत्ता पर काबिज होने के बाद भी बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठाया। कोर्ट के निर्देशों को भी अनदेखी किया गया। सरकार की ओर से जानबूझकर शिक्षक भर्ती 2018 लेवल प्रथम व द्वितीय की प्रतीक्षा सूची को अटकाया रखा।
देवनानी ने बताया कि सरकार द्वारा शिक्षक भर्ती 2018 लेवल प्रथम व द्वितीय की प्रतीक्षा सूची को लम्बे समय तक ठण्डे बस्ते में रखे रखा। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनीया, मेरे तथा माननीय न्यायालय की ओरसे बराबर सरकार को ध्यान दिलाया गया। बेरोजगारो के बढते दबाव एवं विपक्ष द्वारा लगातार की जा रही मांग के कारण सरकार को आखिर झुकना पडा एवं शिक्षक भर्ती 2018 की प्रतीक्षा सूची जारी करने के निर्देश निकालने पडे। भर्ती को दो साल तक अटकाए रख अपनी पीढ थपथपाने का जो कार्य मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री कर रहे है वह सरासर गलत है।
देवनानी ने मांग करते हुए कहा कि सरकार गत 6 माह से 27000 पंचायत सहायकों का मानदेय भी तुरंत जारी करें। कोरोना के दौरान मानदेय रोकना असंवैधानिक है। देवनानी ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा 37000 पदों की जो भर्तियां होनी थी जिसे निरस्त कर दिया गया उसे भी पुनः बहाल करते हुए शीघ्र भर्ती निकाले जिससे राजस्थान के युवकों को रोजगार मिल सकें।

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