एक लाख विद्यार्थियों को 500 रुपये प्रतिमाह तक वजीफा मिलेगा

जयपुर। मुख्यमंत्राी अशोक गहलोत ने कहा कि शिक्षा ही विकास की कुंजी है। राज्य सरकार ने गत चार साल में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अनेक नवाचार किये हैं। जहां एक ओर सरकार की ओर से उच्च शिक्षण संस्थान खोले गये वहीं मेधावी छात्रा-छात्राओं को प्रोत्साहन स्वरुप अनेक कार्यक्रम शुरु किये गये हैं।
मुख्यमंत्राी रविवार को चित्तौड़गढ़ जिले के दातां ग्राम में आचार्य नानेश समता विकास ट्रस्ट के द्विदशाब्दी वार्षिकोत्सव समारोह में मुख्य अतिथि पद से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस संस्थान परिसर में स्पोटर््स स्टेडियम का शिलान्यास भी किया।
उन्होंने कहा कि विद्यालयों में प्रवेश लेने के बाद सामाजिक-आर्थिक कारणों से ड्रोप आउट कर जाने वाले छात्रा-छात्राओं का विद्यालयों में ठहराव सुनिश्चित किया जा रहा है। चार साल पहले ऐसे 12 लाख छात्रा-छात्राएं थे जो ड्रोप आउट कर चुके थे उनमें से 7 लाख 50 हजार छात्रा-छात्राओं को वापस विद्यालयों मंे प्रवेश दिलाकर शिक्षा से जोड़ा गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जोधपुर में इण्डियन इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी, उदयपुर में इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेनेजमंेट एवं कोटा में इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फोर्मेशन टेक्नोलोजी की स्थापना की गई है। किशनगढ़ में सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी तथा सात और यूनिवर्सिटीज घोषित की गई हैं। यही नहीं निजी क्षेत्रों में शिक्षण संस्थान स्थापित करने से छूट दी गई है। जिसकी बदोलत राज्य में 250 महाविद्यालय निजी क्षेत्रा में खोले जा चुके हैं। इनमें इंजीनियरिंग, मेडिकल, नर्सिंग कालेज आदि शामिल है।
श्री गहलोत ने कहा कि सरकार ने एक लाख छात्रों को 500 रुपये प्रतिमाह तक वजीफा देना तय किया है। विभिन्न कक्षाओं के 56 हजार मेधावी छात्रा-छात्राओं को 330 करोड़ मूल्य के लेपटॉप दिये जाएंगे। सूचना प्रोद्योगिकी के क्षेत्रा में आई क्रांति का लाभ राजस्थान को मिले इस उद्देश्य से ग्रामीण क्षेत्रों में राजीव गांधी सेवा केंद्र खोले गए हैं। छात्रों एवं युवाओं को कम्प्यूटर प्रशिक्षण प्रदान किये जा रहे हैं। भारत सरकार ने शिक्षा का अधिकार का कानून लागू किया है यही नहीं नरेगा के माध्यय से रोजगार का अधिकार, सूचना का अधिकार एवं अब फूड सिक्योरिटी एक्ट के माध्यम से भी अधिकार लोगों को सौंपे जा रहे हैं। इस प्रकार आम आदमी को अधिकार देने की जो शुरुआत हुई है वो बेमिसाल है।
मुख्यमंत्राी ने कहा कि आचार्य श्री नानेश समता विकास ट्रस्ट द्वारा शिक्षा, सेवा एवं साधना को समर्पित जो गतिविधियां संचालित की जा रही हैं वे प्रशंसनीय एवं प्रेरणादायी हैं। संस्थान में बालकों को शिक्षित ही नहीं, सुसंस्कारित भी बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब समाजसेवी लोग ऐसे कार्यों में आगे बढ़कर भाग लेते हैं, योगदान देते हैं तो कामयाबी अवश्य मिलती है। उन्होंने कहा कि आचार्य श्री नानेशमुनिजी के नाम से जो यह आश्रम रुपी संस्थान चल रहा है। इससे समाज के अन्य तबकों को भी प्रेेरणा ग्रहण करनी चाहिये। नानेशमुनिजी ने जो संदेश दिये, उन्हें आत्मसात करने की आज महती आवश्यकता है।
श्री गहलोत ने समारोह में संस्थान की ओर से आठ विद्यार्थियों एवं सात ग्राम सेवा कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया। समारोह में चित्तौड़गढ़ की सांसद डॉ.गिरिजा व्यास ने भी विचार व्यक्त करते हुए आचार्य श्री नानेश समता विकास ट्रस्ट के शैक्षणिक एवं सामाजिक कार्यों की प्रशंसा की। कपासन के विधायक श्री शंकरलाल बैरवा ने भी संबोधित किया।
प्रारम्भ में संस्थान के मेनेजिंग ट्रस्टी श्री हरीसिंह रांका ने स्वागत उद्बोधन देते हुए संस्थान की गतिविधियों पर प्रकाश डाला।
समारोह में सार्वजनिक निर्माण मंत्राी श्री भरतसिंह, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्राी श्री महेन्द्रजीतसिंह मालवीय, उदयपुर के सांसद श्री रघुवीर मीणा, राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष श्री दिनेश तरवाड़ी, राजस्थान सफाई कर्मचारी आयोग के श्री आर.डी.जावा, चित्तौड़गढ़ के विधायक श्री सुरेन्द्रसिंह जाड़ावत, संभागीय आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, जिला कलक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक भी उपस्थित थे।

error: Content is protected !!