लेखनी में ताकत होनी चाहिये – स्वस्तिभूषण माताजी
जयपुर,। परम पूज्य विदुषी लेखिका, गणिनी आर्यिका 105 श्री स्वस्तिभूषण माताजी ससंघ के सानिध्य में जैन पत्रकार महासंघ (रजि.) के द्वितीय स्थापना दिवस पर महासंघ का राष्ट्रीय अधिवेषन भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर स्थित श्री 1008 मुनिसुव्रतनाथ दिगम्बर जैन अतिषय क्षेत्र (स्वस्तिधाम) में एक अगस्त को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
अधिवेषन का शुभारंभ भगवान मुनिसुव्रतनाथ के कलाषाभिषेक से हुआ। तत्पष्चात् कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलन स्वस्तिधाम समिति के कार्याध्यक्ष श्री नरेन्द्र पोद्दार व महामंत्री श्री ज्ञानेन्द्र जैन एवं अन्य समिति पदाधिकारियों ने किया । इसके बाद संघस्थ ब्र. प्रियंका दीदी ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। परम्परानुसार आये हुए सभी अतिथियों का माला, दुपट्टा और स्मृति चिन्ह भेंट कर, महासंघ के पदाधिकारियों द्वारा सम्मान किया गया।
सर्वप्रथम, महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री श्री उदयभान जैन ने स्वागत उद्बोधन दिया और महासंघ के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने सभी के समक्ष महासंघ की कार्ययोजना बताते हुए कहा कि मंदिर-मंदिर में पूर्व की भांति स्वाध्याय गद्दी की स्थापना की जाये, साधु-संतो ंके आहार और विहार में पत्रकार चैन प्रणाली के अंतर्गत स्थानीय समाज से समन्वय स्थापित कर सहयोग किया जाये, तीर्थ व अन्य क्षेत्रों पर जैन पत्रकारों को आवास व अन्य सुविधायें प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध करवाई जायें समाज की शीर्ष संस्थाओं, प्रतिष्ठित जैन उद्यमियों और श्रेष्ठियों द्वारा जैन पत्रिकाओं को विज्ञापन के रूप में सहयोग किया जाये। इसके अलावा अच्छे पत्रकारों को चयनित कर, उन्हें पुरस्कृत किया जाये।
मुख्य वक्ता, ऋषभदेव विद्वत महासंघ के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष एवं महासंघ के सलाहकार डॉ. अनुपम जैन ने जैन पुरातत्व के संरक्षण पर प्रकाष डाला और कहा कि वे विदेषों में पुरातत्व के संबंध में आयोजित कार्यषालाओं में गये हैं, वहां पर 100-150 वर्ष पुरानी वस्तुओं या अन्य चीजों को पुरातत्व के रूप में दिखाते हैं जबकि हमारे देष में हजारों वर्ष पुरानी पुरा संपदायें और बहुत सी सामग्री हैं, उन पर पूरी तरह ध्यान नहीं दिया जाता है, जैन पुरातत्व का संरक्षण किया जाना जरूरी है। उन्होंने स्वस्तिधाम के बारे में बताया कि पूज्य माताजी ने जहाजपुर में स्वस्तिधाम का निर्माण करवाकर इसे अंतर्राष्ट्रीय पहचान दी है। उन्होंने यह भी कहा कि भू गर्भ से प्रकट भगवान मुनिसुव्रत नाथ जी की मूर्ति का लिपिवद्ध होना चाहिये और प्रमाण तैयार करवाना चाहिये, इसके अलावा प्रांतवार भी जैन मूर्तियों का अभिलेख रखा जाना चाहिये। उन्होंने जैन लाईब्ररी की स्थापना करवाने पर भी जोर दिया और कहा कि वे पांच लाईब्रेरी स्थापित करवा चुके हैं।
वरिष्ठ साहित्यकार और मुख्य वक्ता श्री राजेन्द्र जैन महावीर, सनावद ने युवाओं को जैन धर्म से जोड़ने पर अपने विचार प्रकट किये और कहा कि इतिहास जो विलोपित हो चुका है, उसकी जानकारी युवाओं को देनी पड़ेगी। हम सबको भी धर्म से जुड़ने की आवष्यकता है। हम बच्चों को उंगली पकड़कर मंदिर लेकर जायें तभी उनमें संस्कार पैदा होंगे।
अधिवेषन के विषिष्ठ अतिथि एवं तीर्थराज सम्मेदषिखर जी ट्रस्ट के मंत्री श्री हसमुख जैन गांधी, इन्दौर ने अपने उद्बोधन में कहा कि तीर्थों की सुरक्षा का हमारा दायित्व है। मूर्तियों की चोरियों पर ध्यान देना चाहिये, अतिक्रमण को रोकना चाहिये और तस्करी से बचाना चाहिये, इससे हम पुरातत्व का संरक्षण कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बिना संस्कार दिये युवाओं को धर्म से नहीं जोड़ा जा सकता। इसके अलावा महासंघ की सदस्यता के संबंध में उन्होंने कहा कि क्वालिटी मेंबरषिप होनी चाहिये।
महासंघ के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्री दिलीप जैन, जयपुर ने अपने वक्तव्य में कहा कि कोरोना महामारी ने जहां लोगों को पीड़ा पहुंचाई है, वहीं बहुत कुछ सीखने को भी मिला है। इस दौरान केन्द्र और राज्य सरकारों ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिये विवाह समारोह और अन्य आयोजनो में सम्मिलित होने वालों की संख्या सीमित कर दी जिससे मध्यम वर्ग को काफी राहत मिली है। अतः जैन समाज को विवाह समारोह या अन्य आयोजनों में अतिथियों की संख्या को सीमित करना चाहिये व वात्सल्य भोज में भी आईटमों की संख्या सीमित हो। इसके अलावा यह भी कहा कि प्री-वैडिंग शूट की प्रथा, मृत्यु भोज और बर्तन बांटने की प्रथा बंद हो व महिलाओं के गीत-संगीत कार्यक्रमों में महिला कोरियोग्राफर ही होनी चाहिये।
महासंघ के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री श्री अकलेष जैन ने कहा युवा वर्ग धर्म से क्यों विमुख हो रहा है, इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिये। राष्ट्रीय प्रचार मंत्री श्री महेन्द्र जैन बैराठी ने कहा कि जैन पत्रकारों को राष्ट्रीय समाचार पत्रों में भी अपने लेख भेजने चाहिये। इसके अलावा, जैन गजट के संवाददाता श्री राजाबाबू गोधा-फागी (जयपुर), श्री महेष कुमार विकल- मुरैना, श्री महेन्द्र जैन-सिरसा, श्री राजेष जैन-बीना, श्री महावीर जैन सरावगी-नैनवा, श्री अनिल ठोरा- कोटा, अभिषेक जैन- रामगंजमंडी आदि ने अपने विचार प्रकट किये। इसके अलावा श्री भानु जैन-जहाजपुर और श्री यथार्थ पाटनी-कोटा ने स्वस्तिधाम के बारे में और भू गर्भ से प्रकट मूर्ति के संबंध में विस्तार से बताया। समाचार जगत के उप संपादक श्री चक्रेष जैन ने पूज्य माताजी को समाचार जगत की प्रति भेंट की।
महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रमेष जैन तिजारिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि महासंघ का द्वितीय स्थापना दिवस पूज्य माताजी के सानिध्य में मनाया जा रहा है, इससे पूर्व प्रथम स्थापना दिवस पूज्य माताजी के गुरू सराकोद्धारक आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज के सानिध्य में श्री दिगम्बर जैन अतिषय क्षेत्र देहरा-तिजारा (अलवर) में मनाया गया था। उन्होंने पूज्य माताजी के सानिध्य में आयोजित अधिवेषन में बोलते हुए कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि स्वस्तिधाम जैसे पवित्र स्थान पर आयोजित इस कार्यक्रम में देष के विभिन्न राज्यों से पत्रकार बंधु उपस्थित हुए हैं।
अधिवेषन की मुख्य अतिथि एवं जिला प्रमुख टौंक श्रीमती सरोज जैन बंसल ने भी स्वस्तिधाम और पूज्य माताजी के बारे में अपने विचार व्यक्त किये।
संघस्थ ब्र. करूणा सागर जी ने कहा कि पुरातत्व ही हमारा इतिहास है। पुरातत्व के माध्यम से ही पता चलता है कि हमारी संस्कृति क्या थी। हमें धर्म के बारे में जानना है तो इतिहास में जाना होगा।
परम पूज्य गणिनी आर्यिका श्री स्वस्तिभूषण माताजी ने अपने मंगल आषीर्वचन में कहा कि महासंघ को अपने एक वर्ष के कार्य की समीक्षा करनी चाहिये और लक्ष्य बनाना चाहिये कि आगामी एक वर्ष में क्या करना है। पत्रकारों की लेखनी में भी ताकत होनी चाहिये कि उन्होंने क्या लिखा है। एक वर्ष में एक श्रेष्ठ पत्रकार का सम्मान भी किया जाना चाहिये। उन्होंने यह भी दिषा निर्देष दिये कि सभी पत्रकार आचार्य श्री शान्तिसागर जी (छाणी) के बारे में भी लिखें जिससे समाज को उनके जीवन के बारे में, त्याग-तपस्या के बारे में जानकारी हो। उन्होंने जैन पुरातत्व के संरक्षण और युवाओं को जैन धर्म से जोड़ने पर जोर दिया।
अंत में, राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री मनीष विद्यार्थी ने सभी का आभार व्यक्त किया और मंच संचालन राष्ट्रीय मंत्री श्री राकेष जैन ‘चपलमन‘ ने किया। संपूर्ण कार्यक्रम का कुषल संयोजन श्री राकेष जैन सोनी-इंदौर, श्री राजेष जैन बंटी-कोटा एवं श्री नवीन जैन-जहाजपुर ने किया। इस अवसर पर बूंदी के भाजपा जिला प्रभारी श्री नरेष जैन बंसल, अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन युवा परिषद् के प्रदेष महामंत्री श्री विमल बज, सेवानिवृत उपायुक्त श्री आर.के.जैन-इंदौर सहित सागर, मुरैना, बड़ा मलहरा, नैनवा, बूंदी, खरगोन, अम्बाह, डूंगरपुर, सिरसा, जयपुर, कोटा शाहगढ़, बीना, केकड़ी, अजमेर सहित देष के विभिन्न राज्यों से पत्रकारबंधु सम्मिलित हुए।
(उदयभान जैन)
राष्ट्रीय महामंत्री