डीएपी खाद की कालाबाजारी सरकार के संरक्षण से, किसान खाद के लिए दर-दर भटकने को मजबूर।
कोटा 21 अक्टूबर। भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं रामगंजमण्डी विधायक मदन दिलावर ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर किसानो के प्रति संवेदनहीन होने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक ओर किसानों से भगवान रूठा हुआ है, दूसरी ओर राज भी रूठ गया है। आज हालात इस कदर खराब है कि किसान खाद के लिए दर-दर भटक रहा है और उसे खाद नही मिल रहा है। वहीं सरकार के संरक्षण में खाद की कालाबाजारी धडल्लें से हो रही है।
दिलावर ने कहा कि सरकार की अदुर्दशिता व निष्क्रियता का परिणाम यह रहा कि प्रदेश की सरकार ने समय पर भारत सरकार को खाद की डिमाण्ड ही नहीं भिजवाई, फलस्वरूप प्रदेश में डीएपी खाद के लिए हाहाकार मचा हुआ है। इसका मुख्य कारण कांग्रेस पार्टी में सत्ता की खींचतान में उलझे रहना प्रदेश की जनता को अपने हाल पर छोड देना और किसानो के प्रति असंवेदशीलता का भाव स्पष्ट दृष्टिगोचर हो रहा है।
दिलावर ने यह भी कहा कि आज किसानो की दयनीय स्थिति हो रही है, वह खाद के अभाव में अपनी फसल की बुवाई नहीं कर पा रहा है, कालाबाजारियों से दो गुने दामों पर डीएपी खाद खरीदने को मजबूर है, परन्तु प्रदेश की निर्दयी सरकार को इन बातों से कोई सरोकार नहीं है। प्रदेश के मुखिया केवल अपने भाषणों में किसानों के प्रति हमर्ददी का भाव व्यक्त कर वाह-वाही लूटने का कुत्सित प्रयास कर रहे है। लेकिन किसान अब उनके बहकावे में आने वाले नहीं है और समय आने पर ब्याज सहित बदला लेने को आतुर है।
दिलावर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जी को विनम्र आग्रह किया है कि वे किसानों की पीडा को समझे और अविलम्ब डीएपी खाद की समुचित व्यवस्था करें। पूर्ववर्ती सरकार के समय ग्राम सेवा सहकारी समितियां, क्रय-विक्रय सहकारी समितियां एवं राजफैड़ द्वारा खाद निर्माता कम्पनियों से समय से पूर्व खाद की खरीद कर भण्डारों/गौदामों में एकत्रित कर पर्याप्त खाद की व्यवस्थाएं की जाती थी। गौदामों में खाद की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध रहती थी, कभी किसानो को खाद के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पडा था और ना ही कालाबाजारियों के चुगंल मंे फसना पडा। लेकिन उस समय की सरकार की दुर्दशिता, साफ नियत एवं स्पष्ट नीति से ही यह संभव हुआ था। अब प्रदेश की सरकार की ना तो नियत साफ है और ना ही इनकी कोई नीति है। जिसके कारण से ही किसानों को यह दिन देखने पड रहे है।