बच्चों को बचाया ऑपरेषन अमानत के तहत

रेलवे सुरक्षा बल के सराहनीय कार्य-‘‘ऑपरेषन नन्हे फरिस्ते‘‘ के तहत बच्चों को बचाया, ऑपरेषन अमानत के तहत यात्रियों के सामान लौटाया

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) रेलवे संपत्ति और यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी 24ग्7 निभा रही है। आर.पी.एफ की मुस्तैदी एवं त्वरित कार्यवाही से यात्रियों के छुटे सामान को सकुषल वापस लौटाया गया साथ ही लावारिस एवं नाबालिग बच्चों को भी सकुषल सुपुर्द किया गया।
उत्तर पष्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शषि किरण के अनुसार ऑपरेषन नन्हे फरिस्ते के तहत दिनांक 22.07.22 को रेलवे स्टेषन चरखी दादरी पर एक नाबालिक लड़के को लावारिस हालात में पाये जाने पर रेलवे सुरक्षा बल चरखी दादरी द्वारा बच्चे को चाईल्ड हैल्प लाईन चरखी दादरी को सकुषल सुपुर्द किया। इसी प्रकार दिनांक
23.07.22 को जयपुर रेलवे स्टेषन पर सवारी गाडी संख्या 19032 में एक यात्री अपना बैग भुलवष छोडकर उतर गया, जिसे रेलवे सुरक्षा जयपुर द्वारा बैग के मालिक को बुलाकर सुपुर्द किया गया। इसी के साथ ही दिनांक 24.07.22 को पिण्डवाड़ा रेलवे स्टेषन पर रेलवे सुरक्षा बल स्टाफ द्वारा प्लेटफार्म पर 02 लावारिस बैग जब्त किये, जिन्हें चैक करने पर 15 बोतल शराब कीमत 14775/- रू. मिली जिसे अग्रिम कार्यवाही हेतु आबकारी विभाग सिरोहली को सुपुर्द किया।
इसी के साथ अखिल भारतीय अभियान के तहत रेलवे सुरक्षा बल मानव तस्करी के विरूद्ध अभियान के तहत 151 नाबालिक लड़को और 32 लड़कियों (कुल 183 नाबालिको) और 3 महिलाओं को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाया गया और 47 मानव तस्करों को गिरफ्तार किया गया। रेलवे सुरक्षा की कमान और नियंत्रण की एकात्मक संरचना के तहत अखिल भारतीय तक पहुंच है। पिछले कुछ सालों में रेलवे सुरक्षा बल ने यात्रियों की सुरक्षा षिकायतों के निवारण के लिए कुषल प्रतिक्रिया तंत्र विकसित किया है। पिछले 5 वर्षो में के दौरान रेलवे सुरक्षा बल ने 2178 लोगों को तस्करों के चंगुल से बचाया है, इसके अलावा 65000 से अधिक बच्चों की देखभाल और सुरक्षा की जरूरत में महिलाओं और पुरूषों को बचाया है। स्टेशनों और ट्रेनों में अपनी रणनीतिक स्थिति का लाभ उठाने के लिए इसकी अखिल भारतीय पहुंच और इसकी प्रतिक्रिया तंत्र पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसीयों की मानव तस्करी रोधी इकाइयों (एएचटीयू) के प्रयासों के तहत आरपीएफ ने हाल ही में मानव तस्करी के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है। ष्ऑपरेशन एएएचटीष् की पहल के तहत आरपीएफ ने हाल ही में देश भर में 750 एएचटीयू स्थापित किए हैं जो पुलिस थाना, जिला और राज्य स्तर पर कार्यरत एएचटीयू, खुफिया इकाइयों, गैर सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों के साथ समन्वय करेंगे और रेल के माध्यम से मानव तस्करी पर प्रभावी कार्रवाई करेंगे। हाल ही में आरपीएफ ने एनजीओ यानी स्वैच्छिक कार्रवाई संघ (एवीए) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसे बचपन बचाओ आंदोलन के रूप में भी जाना जाता है, जिसमें प्रशिक्षण के साथ-साथ मानव तस्करी के संबंध में जानकारी भी उपलब्ध होगी। इस गति को और आगे ले जाने के लिए, जुलाई 2022 में रेल के माध्यम से मानव तस्करी के खिलाफ एक महीने का विशेष अभियान शुरू किया गया था। महीने के दौरान, ऑपरेशन एएएचटी के तहत निरंतर कार्रवाई में 151 नाबालिग लड़कों, 32 नाबालिग लड़कियों (कुल 183 नाबालिकों) और 3 महिलाओं को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाया गया और 47 मानव तस्करों को गिरफ्तार किया गया। इस अभियान ने सभी हितधारकों को रेल के माध्यम से मानव तस्करी के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई करने के लिए एक साथ आने के लिए एक मंच तैयार किया। अभियान के दौरान निर्मित विभिन्न एजेंसियों और हितधारकों के बीच तालमेल और सुचारू समन्वय भविष्य में भी मानव तस्करी के खिलाफ एक सतत अभियान शुरू करने में मदद करेगा।
कैप्टन शशि किरण ने बताया कि रेलवे, यात्रियों की संरक्षित एवं सुरक्षित यात्रा के लिए कटिबद्ध है एवं इसके लिए रेल सुरक्षा बल 24ग्7 हमेशा तत्पर है। यात्रियों से निवेदन है कि सुरक्षा संबंधी किसी भी घटना पर उपस्थित रेलवे अधिकारियों/कर्मचारियों को सूचना दें या हेल्पलाइन नंबर 139 पर तुरंत सूचित करें।

वरि. जन सम्पर्क अधिकारी
उत्तर पश्चिम रेलवे, जयपुर

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