जयपुर, अक्टूबर 2022: प्राकृतिक संसाधनों के विश्व प्रमुख समूह वेदांता की लोक कल्याण शाखा अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (एएएफ) ने वर्ष 2022 के लिए अपनी दूसरी सामाजिक प्रभाव रिपोर्ट जारी की है।
वेदांता लिमिटेड की नवीनतम रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के 12 राज्यों में कंपनी की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी परियोजनाओं के तहत वित्तवर्ष 2021-22 में 399 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के प्रयासों से 1250 से अधिक गांवों में लगभग 4.6 मिलियनलोगों की जिन्दगी बदल रही है। यह मुख्य रूप से स्वास्थ्य, शिक्षा, सामुदायिक कल्याण और विकास और खेल को बढ़ावा देने के अभिनव प्रयासकरता रहा है।
फाउंडेशन के मुख्य प्रयासों में शामिल प्रोजेक्ट नंद घर, बाल्को मेडिकल सेंटर, स्वस्थ गांव अभियान (एसजीए), और द एनिमल केयर ऑर्गनाइजेशन(टीएसीओ) के माध्यम से लक्ष्य जन कल्याण कार्यों को बढ़ाना और ‘स्थायी रूप से बड़ा बदलाव’लाने की दूरदृष्टि पर अग्रसर रहना है।
रिपोर्ट में पूरे देश के 17 स्थानों पर वेदांता के विभिन्न व्यावसायिक संगठनों के कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व कार्यक्रमों के साथ-साथ मुख्य प्रोजेक्टके बारे में विस्तार से बताया गया है। इनमें खास तौर से उल्लेखनीय हैं कोविड-19 महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में मदद देना जो कंपनी नेउच्च स्तरीय चिकित्सा सेवा, टीकाकरण, पीपीई किट और अन्य आवश्यक सहायता के रूप में दी।
वेदांता रिसोर्सेज के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने वेदांता के सामाजिक योगदान का दृष्टिकोण साझा करते हुए कहा, ‘‘हम सीएसआर को अनिवार्यआदेश नहीं बल्कि किसी व्यवसाय का बुनियादी मूल्य मानते हैं जो हम से जुड़े समुदायों की समृद्धि के लिए आर्थिक योगदान देना है। वेदांता की सोचसदैव संबंधित समुदायों का विकास करना है, जिनमें यह कार्यरंत है। यह स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल और आजीविका के माध्यम से लोगों को बेहतरजिन्दगी देकर सामाजिक योगदान देता रहा है। नंद घर प्रोजेक्ट के तहत महिलाओं और बच्चों की जिन्दगी बदलने के हमारे मिशन में आने वाले वर्षों मेंराजस्थान के अंदर 25,000 नंद घर विकसित करने का लक्ष्य है। इसके अलावा अनिल अग्रवाल फाउंडेशन प्रगति का ऐसा मॉडल लागू करने केप्रयास में है जो सस्टेनेबल हो और सब का विकास करे।’’
इस दिशा में आगे बढ़ते हुए फाउंडेशन सदैव सशक्त समुदाय बनाने, लोगों की जिन्दगी बदलने और सस्टेनेबल और सब के विकास का मॉडल देकरराष्ट्र-निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। यह अगले पांच वर्षों में सामाजिक विकास के लिए 5000 करोड़ खर्च करने को संकल्पित है और इसके लिएसामाजिक-आर्थिक विकास का रोडमैप तैयार है जिसका लाभ संबंधित समुदायों के लगभग 7.5 मिलियन लोगों को मिलेगा।
फाउंडेशन के सीएसआर कार्यों के बारे में वेदांता रिसोर्सेज की निदेशक प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने बताया, “हमारे कार्यक्रम बहुत व्यापक हैं और जन-जनतक पहुंचते हैं। हम ने इनके माध्यम से संबद्ध समुदायों का विश्वास जीता है। इनसे हमारे कार्यक्रमों को इनोवेट करने, बेहतर और मजबूत बनाने का स्तरऊंचा होता है ताकि हम भविष्य में भी सब की अपेक्षाओं पर खरा उतरें। जन कल्याण कार्यों का दायरा बढ़ाते हुए हम अपने मिशन के लक्ष्य वाक्य – ‘स्थायी रूप से बड़ा बदलाव’ को साकार करते रहे हैं। इसके लिए हमारे 3 बुनियादी आधार हैं – समुदायों को बदलना, हमारी धरती को बदलना औरकाम का माहौल बदलना ताकि हम प्राकृतिक संसाधन क्षेत्र में ईएसजी लीडर बनें।’’
वेदांता वर्षों से भारत में कई प्रभावी सीएसआर कार्यक्रमों का संचालन करता रहा है और देश के सबसे अधिक सामाजिक रूप से जिम्मेदार कॉर्पोरेटसंगठनों में प्रमुख नाम है। पिछले वित्तीय वर्ष कंपनी ने मुख्य रूप से महामारी राहत कार्य, बच्चों की खुशहाली और शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य सेवा, सस्टेनेबल खेती और पशु कल्याण, युवाओं में बाजार से जुड़े कौशल के विकास, पर्यावरण संरक्षण और रेस्टोरेशन, सामुदायिकबुनियादी सुवधिाओं के विकास पर केंद्रित सीएसआर के विभिन्न कार्यों पर 331 करोड़ रुपये व्यय किए हैं।