वसुंधरा राजे सामूहिक दुष्कर्म की शिकार से मिली

जयपुर। नेता प्रतिपक्ष श्रीमती वसुन्धरा राजे आज सोमवार को जेके लोन अस्पताल में सामुहिक दुष्कर्म का शिकार हुई सीकर की उस मासूम का हाल जानने पहुंची, जो करीब पांच महिनों से मौत से संघर्ष कर रही है।
श्रीमती राजे ने जेके लोन अस्पताल परिसर में मीडिया से बातचीत में कहा यह कितने अफसोस की बात है कि एक ओर तो कांग्रेस के चिंतन शिविर में सोनिया गांधी महिला उत्पीड़न के खिलाफ अपना उद्बोधन दे रही थी, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के कई स्थानों पर मासूम बच्चियों की आबरू लूटी जा रही थी। प्रदेश की महिलाओं के साथ दुष्कर्म हो रहा था। हैरानी की बात तो यह है कि अपराधी देश की सबसे बड़ी सरकार की मौजूदगी मं भी बेखौफ होकर दुष्कर्म कर रहे थे। उन्होंने चिंतन शिविर के दिन 19 जनवरी को हुई अलवर, बड़ी सादड़ी और अटरू की घटनाओं का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा शर्म की और क्या बात होगी कि इस मामले में पीड़िता को न्याय नहीं मिलता देख बिहार के मुख्यमंत्री को यहां की सरकार को फोन करना पड़ा। बिहार के मुख्यमंत्री राजस्थान के हालातों से वाकिफ थे और उन्हें यहां की सरकार पर भरोसा भी नहीं था। इसलिये उन्हें इस मासूम की देख-रेख के लिए अपना एक अफसर यहां तैनात करना पड़ा। क्या इससे पूरे देश में हमारे प्रदेश की इमेज खराब नहीं होगी? यदि दिल्ली में भी गैंग रेप के बाद पूरा देश आवाज नहीं उठाता तो अपराधियों का बाल भी बांका नहीं होता। उन्होंने पीड़िता के इलाज के लिए जेके लोन अस्पताल के चिकित्सकों की सराहना की और कहा कि हमारे डॉ. अच्छे है, जो इस मासूम को जल्द ही ठीक करेंगे।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जो राजस्थान कल तक महिलाओं के आदर और सत्कार के लिए जाना जाता था आज वो ही राजस्थान महिला उत्पीड़न में अव्वल है। देश में महिलाओं की इज्जत तार-तार हो रही है और सोनिया जी कह रही है हम ये करने वाले है, हम वो करने वाले हैं। जैसा राजीव गांधी कहा करते थे। चिंतन शिविर में कांग्रेस चैयरपर्सन सोनिया जी महिला सशक्तिकरण का दावा कर रही है। इस दावे का भी देखेंगे….सोचेंगे….करेंगे…. जैसा ही हाल होगा। श्रीमती राजे के साथ विधायक काली चरण सराफ और प्रदेश उपाध्यक्ष सुमन शर्मा भी थी।
और राजे की आंखे भर आई
ज्यों ही श्रीमती राजे ने पीड़िता के सिर पर हाथ रखा, राजस्थान की यह दामिनी फफक पड़ी। कहने लगी मैं जिन्दा रहूं, न रहूं, मगर मेरा ये हाल करने वाले जालिमों को सजा मिलनी चाहिए। दामिनी की नाजुक हालत देख राजे की आंखे भी भर आई। पास में बैठी मां से भी रहा नहीं गया, वह भरे मन से कहने लगी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि हंसने और खेलने की उम्र में मेरी इस मासूम बेटी को दुःख के इस दौर से गुजरना पड़ेगा। पांच महिने से हमारा पूरा परिवार सदमे में है। मेरी बेटी के 11 ऑपरेशन हो चुके हैं, लेकिन यहां की सरकार को हमारी कोई परवाह नहीं है। आरोपी खुले घूम रहे हैं और हमसे कोई मिलने आता है, तो उन पर पाबंदी। नेता प्रतिपक्ष श्रीमती राजे ने जेके लोन अस्पताल अधीक्षक एसडी शर्मा से पीड़िता के इलाज को लेकर चर्चा की और उन्हें बेहतर इलाज के निर्देश दिए।

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