जयपुर। कांग्रेस के चिंतन शिविर के दौरान केन्द्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के बयान से क्षुब्ध होकर अजमेर दरगाह और मक्का मस्जिद बम ब्लास्ट मामले में आरोपी भरत मोहन लाल रत्नेश्वर ने अन्न जल त्याग दिया है। उसे गंभीर हालत में सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन तबीयत और ज्यादा बिगड़ने पर उसे आईसीयू में रखा गया है। एनआईए की विशेष अदालत ने आरोपी के वकील की ओर से मंगलवार को दायर आवेदन पर सुनवाई करते हुए उसके स्वास्थ्य संबधित समस्त जांच रिपोर्टो को बुधवार को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है।
भरत रत्नेश्वर ने सुभाषचंद बोस की जयन्ति 25 जनवरी से ही अन्न त्याग रखा है। उसकी हालत ज्यादा खराब होने पर एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां मेडिकल बोर्ड ने फ्लूड चढ़ाने का निर्यण लिया था आरोपी द्वारा विरोध करने पर उसे आईसीयू में दाखिल कर दिया। अस्पताल प्रशासन के कहने पर एसएमएस में सुरक्षा के इंतजाम बढ़ा दिए गए है।
आरोपी ने अपने वकील गुरूचरण सिंह गिल को भेजे नोट़्स मे केन्द्रीय गृहमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने जांच एजेन्सीयों द्वारा दी गयी जानकारी को सार्वजनिक कर अपने पद व गोपनीयता की गरिमा को भंग किया है। अपनी संवैधानिक स्थिति का दुरूपयोग राजनैतिक मंच से एवं राजनैतिक उद्देश्य से किया है। उनके बयान से पाकिस्तान, आई.एस.आई. व उग्रवादियों का मनोबल बढा है क्योंकि उनके मिथ्या प्रचार को इस बयान से बल मिला है। इस मामले की अभी पांच एजेन्सीयां जांच कर रही है इस बयान से उनका प्रभावित होना व दिशा निर्देशित होना संभावित है। आरोपी ने यह भी कहा कि उसके विरूद्ध जयपुर एवं हैदराबाद की एन.आई.ए. अदालतों में प्रकरण विचाराधीन है जिसमें उसके हित प्रभावित व दूषित होना संभव है तथा उनकी अन्वीक्षा की प्रक्रिया गौण हो जाएगी। बयान प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी की मौजूदगी में दिया है इसलिए उन्हें समस्त हिन्दू समाज से क्षमा मांगकर गृहमंत्री को तत्काल पदमुक्त करना चाहिए।
न्यूज फोर राजस्थान से साभार