आदिवासी क्षेत्र में फोर्टिफाइड आटा वितरित करने की पहल

जयपुर । उदयपुर जिले के आदिवासी क्षेत्र के सलूम्बर एवं सराड़ा के 200 छोटी चक्कियों द्वारा गेहूं पिसाने के दौरान पोषक तत्व आयरन, फोलिक एसिड व विटामिन बी-12 की सूक्ष्म मात्रा मिश्रित करके फोर्टिफाइड आटा वितरित करने की नई पहल शुरू की है।
भारतीय स्वास्थ्य प्रबंधन शोध संस्थान के परियोजना निदेषक डॉ0 ओ0पी0 गुप्ता एवं परियोजना प्रबन्धक डॉ0 जतिन्दर बीर ने आज यहां बताया कि राजस्थान सरकार, भारतीय स्वास्थ्य प्रबंधन संस्थान, अन्तर्राष्ट्रीय संस्था ग्लोबल एलाइन्स फॉॅर इम्प्रूव्ड न्यूट्रिषियन (गेन) – जिनेवा एवं भौरूका चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त प्रयास से ग्रामीण स्तर पर आटा चक्कियों पर फोर्टिफाइड आटा तैयार करके देने की पहल से इस क्षेत्र को कुपोषण मुक्त करने में सहयोग मिलेगा। इस परियोजना की पहल से सलूम्बर व सराड़ा की 83 ग्राम पंचायतों के 464 गांवों की लगभग 4.50 लाख आबादी लाभान्वित होगी। 2 वर्षीय परियोजना के लिए इन छोटी चक्कियों तक प्रीमिक्स पाउडर पहुंचाने के साथ-साथ उसके उपयोग करने के तरीके पर पूर्व मंें विस्तार से प्रषिक्षण भी प्रदान किया गया है।
भौरूका चैरिटेबल ट्रस्ट द्वितीय चरण में इस क्षेत्र में और आटा चक्कियों को पंजीकृत करके परियोजना को विस्तार प्रदान करेगा। अनुबंध करने वाले आटा चक्कियो को प्रीमिक्स की सुविधा निःषुल्क प्रदान की जा रही है। इसके लिए गेन की ओर से आर्थिक व तकनीकी सहयोग दिया जा रहा है।
-कल्याण सिंह कोठारी
मीडिया सलाहकार

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