वसुंधरा राजे निकालेगी परिवर्तन यात्रा

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अप्रैल से परिवर्तन यात्रा निकालेगी। इस साल के अंत में होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव अभियान के तहत वसुंधरा राजे परिवर्तन यात्रा में प्रदेश के सभी दो सौ विधानसभा क्षेत्रों में जाएगी। एक सौ दिन की परिवर्तन यात्रा अप्रैल से शुरू होगी और चुनाव आचार संहित लगने तक जारी रहेगी। राज्य विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया भी परिवर्तन यात्रा में उनके साथ रहेंगे।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने परिवर्तन यात्रा के कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है। वैसे तो चुनाव अभियान की शुरूआत वसुंधरा राजे गुरुवार से ही कर देंगी। प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद वसुंधरा राजे गुरुवार को पहली बार सड़क मार्ग से दिल्ली से जयपुर पहुंचेगी।

दिल्ली से राजस्थान सीमा के शांहजापुर से जयपुर तक करीब दो सौ किलोमीटर की यात्रा वे सुबह नो बजे शुरू करेगी और यह यात्रा दस घंटे में पूरी होगी। इस दौरान पचास बड़ी सभाओं को संबोधित करेंगी, राज्य भाजपा के वरिष्ठ नेता, कार्यकर्ता वसुंधरा राजे को जुलूस के रूप में जयपुर तक लेकर आएंगे। जयपुर में एक बड़ी जनसभा का आयोजन किया गया है।

प्रदेश अध्यक्ष के रूप में वे शुक्रवार को कार्यभार ग्रहण करेंगी, इस मौके पर राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता अरुण जेटली, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव भूपेन्द्र यादव और प्रदेश प्रभारी सौदान सिंह मौजूद रहेंगे।

कार्यभार ग्रहण करने के बाद वे फरवरी और मार्च माह में जिलावार जनप्रतिनिधियों एवं पार्टी पदाधिकारियों की बैठक लेकर राजनीतिक हालात का फीडबैक लेंगी। इस दौरान क्षेत्र में भाजपा की हालत, संभावित प्रत्याशी, चुनावी मुद्दे और कांग्रेस के संभावित प्रत्याशियों के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। इसके बाद अप्रैल में परिवर्तन यात्रा की शुरूआत राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थल गोगामेड़ी से करेगी।

परिवर्तन यात्रा की शुरूआत के मौके पर पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।

यात्रा के बीच में प्रत्येक संसदीय क्षेत्रों में होने वाली बड़ी जनसभाओं को भी पार्टी के वरिष्ठ नेता संबोधित करेंगे। इन नेताओं का चयन जातिगत एवं राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से होगा। इनमें राजस्थान से सटे उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात के नेताओं को वरीयता दी जाएगी।

गौरतलब है कि वसुंधरा राजे ने पहले वर्ष 2003-04 में भी परिवर्तन यात्रा निकाली और उसके बाद सत्ता हासिल की थी।

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