अलवर में तैयार होंगे देश के जांबाज कमांडो

commandoजयपुर । राजस्थान का अलवर जिला देश में पैरामिलिट्री फोर्सेस के हब के रूप में विकसित हो रहा है। जिले में सुरक्षा एजेंसियों एवं अ‌र्द्ध सैनिक बलों की करीब एक दर्जन बटालियनों सहित कई प्रशिक्षण केन्द्र खोलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

इसके तहत सशस्त्र सीमा बल की बटालियन व ट्रेनिंग सेंटर, सीमा सुरक्षा बल वाहिनी, दिल्ली पुलिस एडवांस कमांडो ट्रेनिंग सेंटर, इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस, आईबी ट्रेनिंग स्कूल, सीआरपीएफ की महिला बटालियन, ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च आर्गेनाइजेशन, राजस्थान पुलिस अकादमी, असम राइफल का ट्रेनिंग सेंटर सहित कई महलवपूर्ण प्रोजेक्ट अलवर में खुलने की प्रक्रिया चल रही है।

इन सेंटरों के लिए जमीन आवंटन सहित अन्य प्रक्रियाएं पूरी हो गई है। देश का यह पहला जिला होगा जहां इतनी बडी संख्या में एक साथ अ‌र्द्ध सैनिक बलों का ठहराव होगा। इनमें कई ऐसे महलवपूर्ण प्रोजेक्ट हैं जो देश में पहली बार अलवर में खोले जा रहे हैं।

अलवर सांसद केन्द्रीय खेल एवं युवा मामले तथा रक्षा राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह का कहना है कि जिले में पैरामिलिट्री फोर्सेस के मंजूर सभी ट्रेनिंग सेंटर व बटालियन खुलेंगी। ज्यादातर प्रोजेक्ट का काम पूरा हो गया है। जिले में खुले रहे कई सेंटर पर देश में पहल बार खुले जा रहे हैं।

देश की राजधानी दिल्ली से नजदीक होने का फायदा भी अलवर को मिला है। अलवर सड़क व रेलमार्ग मार्ग से सीधे जयपुर, दिल्ली व आगरा महानगर से जुड़ा हुआ है। ऐसे में यदि कहीं आपात स्थिति बनती है तो जिले से पैरा मिलिट्री फोर्स की घटना स्थल पर समय जायज नहीं होगा।

केन्द्र व राज्य में कांग्रेस सरकार होने से जमीन आवंटन सहित अन्य प्रक्रियाओं में परेशानी नहीं हुई। जानकारी के मुताबिक अलवी में राजगढ़ का डेरा में सशस्त्र सीमा बल का ट्रेनिंग सेंटर स्थापित होगा। इसी तरह से राजगढ़ के परवैणी में सशस्त्र सीमा बल का रीजनल ट्रेनिंग सेंटर (आरटीसी)। वहीं लक्ष्मणगढ़ में डॉग स्क्वायड ट्रेनिंग सेंटर खुलेगा। डीआईजी रेंक अधिकारी बैठेगा। जवानों के लिए आवासीय क्वाटर्स भी बनेंगे। इसके साथ ही मुंडावर के अलीपुर में सीमा सुरक्षा बल वाहिनी की बटालियन की स्थापना की प्रक्रिया शुरू हुई है।

यहां ऐसे जवानों के परिवारों को रखा जाएगा जो सियाचिन जैसे दुर्गम स्थानों पर ड्यूटी दे रहे हों। कठिन परिस्थितियां होने के कारण वे परिवार को अपने साथ नहीं रख सकते। वहीं जिले के तिजारा में दिल्ली पुलिस एडवांस कमांडो ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना की जा रही है।

दिल्ली से बाहर देश का पहला दिल्ली पुलिस का ट्रेनिंग सेंटर। यहां जांबाज कमांडो तैयार होंगे। जिले के ही रामगढ़ बेरा बास में इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर। नॉर्थ ईस्ट के बाद देश में इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस का पहला सेंट्रल ट्रेनिंग कॉलेज। 320 एकड भूमि आवंटित की। जल्द काम शुरू होगा। हरियाणा से सटे तिजारा के गोतोली में आईबी (इंटेलीजेंस ब्यूरो) ट्रेनिंग सेंटर भी स्थापित होगा। भारतीय गुप्तचर एजेंसी के आईबी के अधिकारियों का प्रशिक्षण केन्द्र। गॉर्डन लैब सहित अन्य जरूरी सुविधाएँ होगी। अलवरी के ही बहादुरपुर पट्टी कटला में सीआरपीएफ महिला बटालियन के लिए 80 एकड जमीन आवंटित की गई है। हल्दीना में बीपीआर एंड डी (ब्यूरो आफ पुलिस रिसर्च आर्गेनाइजेशन) का सेंटर इस साल में स्थापित हो जाएगा। यह देश में बीपीआर एंड डी का पहला सेंटर होगा जहां ट्रैफिक के संबंध में रिसर्च होगी। इस प्रोजेक्ट के लिए अभी राज्य सरकार के पास फाइल भेजी हुई है। अलवर के ही जटियान में राजस्थान पुलिस अकादमी स्थापित होगी। जिले के किशनगढ़ बास क्षेत्र में असम राइफल स्थापित करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। किशनगढबास क्षेत्र 317 एकड़ जमीन में पैरा मिलिट्री फोर्सेस के लिए कंपोजिट हॉस्पिटल बनाया जाएगा।

अलवर के ही तिजारा के गोतोली में अ‌र्द्ध सैनिक बलों की फायरिंग रेंज। एक दर्जन से भी अधिक सुरक्षा से जुडे़ केन्द्र स्थापित होने से अलवर में विकास और रोजगार की संभावनाएं बढ़ेगी। हालांकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अलवर का अधिकांश हिस्सा पहले ही शामिल किया जा चुका है। दिल्ली और हरियाणा से निकटता के कारण यहां औद्योगिक विकास भी काफी तेजी से हो रहा है।

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