अगस्ता वेस्टलैंड ने गलत तथ्य बताकर किया था सौदा

helicopter 20013-2-19जयपुर । कमीशन देकर हेलीकॉप्टर बेचने को लेकर विवादों में फंसी इटली की कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड का भारत में पहला ‘धोखा’ राजस्थान सरकार के साथ ही किया था। कंपनी ने देश में सबसे पहले राजस्थान सरकार को ही अगस्ता हेलीकॉप्टर बेचा था। कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड ने राजस्थान सरकार को धोखे में रखकर हेलीकॉप्टर बेचा था।

अगस्ता वेस्टलैंड के प्रतिनिधियों ने प्रदेश की सरकार के अधिकारियों को हेलीकॉप्टर बेचते समय इसे राजस्थान की गर्म हवाओं और रेगिस्तानी वातावरण के अनुकूल बताया था। लेकिन बाद में पंखुड़ी का कैप उखड़ने का ठीकरा धूलभरी हवाओं पर फोड़ दिया। सरकार के पूछने पर कंपनी ने सौदे के समय की गई अपनी बात से पलटते हुए कहा कि राजस्थान का मौसम हेलीकॉप्टर के लिए घातक है।

राजस्थान सरकार ने इस कंपनी से 2005 में 20.01 करोड़ रुपए में ‘अगस्ता ए-109 पावर’ हेलीकॉप्टर खरीदा था। रोचक तथ्य यह है कि तब देश में अगस्ता हेलीकॉप्टर को उड़ाने के लिए एक भी प्रशिक्षित पायलट नहीं था। प्रशिक्षित पायलट नहीं होने के कारण खरीद के बाद करीब दो साल तक यह हेलीकॉप्टर किसी वीआईपी को लेकर उड़ान नहीं भर सका।

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की 2008 की रिपोर्ट में इसको गंभीर अनियमितता मानते हुए खरीद की योजना बनाने और व्यवस्था में हुई चूक को उजागर किया था। कैग ने खरीद में जल्दबाजी से 1.14 करोड़ रुपए के नुकसान की बात कही थी। तत्कालीन वसुध्ारा राजे सरकार में खरीदे गए इस हेलीकॉप्टर के मामले को वर्ष 2005 कांग्रेस विधायकों ने उठाया था।

अगस्ता वेस्टलैंड पहली बार वर्ष 2007 में वीआईपी को लेकर उड़ा। 20 नवंबर 2011 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर उड़ते समय राज्य में चूरू के पास इसकी पंखुड़ी की कैप उखड़ गई थी, उस समय बड़ा हादसा होते-होते बचा था। मुख्यमंत्री को पायलट और सुरक्षा अधिकारी ने बचा लिया था।

हादसे के बाद सरकार ने कंपनी से सम्पर्क साधा तो कंपनी ने कहा कि राज्य में चलने वाली धूलभरी हवाओं की वजह से ब्लेड में जंग लगी और खराबी आई। अब बदले गए नए ब्लेड भुगतान को लेकर सरकार और कंपनी के बीच विवाद जारी है। सरकार ने कंपनी का भुगतान रोक रखा है। कुछ माह पूर्व कंपनी ने इसके लिए इंटरनेशनल कोर्ट में दावे की चेतावनी दी है।

राज्य वित्त विभाग के सूत्रों के मुताबिक कैग ने अपनी रिपोर्ट में इसका जिक्र कर हेलीकॉप्टर खरीद में जल्दबाजी और इसकी वजह से करीब 1.14 करोड़ का नुकसान बताया था।

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