जयपुर। प्रदेश में स्वाइन फ्लू का कहर विकराल होता जा रहा है। स्वाइन फ्लू वायरस के फैलने के लिए अनुकूल मौसम और चिकित्सा विभाग की लापरवाही के चलते बीमारी बढ़ती जा रही है।
हालत यह है कि इस साल 47 दिन में 109 लोगों की मौत हो चुकी है और 500 से अघिक लोगों में इसकी पुष्टि हुई है। अप्रेल 2012 से मौत का आंकड़ा 148 मौत और पॉजीटिव मरीजों की संख्या 828 पहुंच गई है। इसके बावजूद चिकित्सा विभाग स्थिति नियंत्रण में बता रहा है, जबकि स्वाइन फ्लू से मरने वालों के आंकड़े के हिसाब से प्रदेश देश में सबसे ऊपर पहुंच गया है।
फिर भी इंतजाम नहीं
पॉजीटिव मरीज मिलने के बाद भी इलाके का ठीक से सर्वे नहीं।
स्कूलों में प्रार्थना सभाओं पर रोक व सार्वजनिक स्थानों पर एहतियात अब तक नहीं।
अब तक नि:शुल्क वैक्सीनेशन नहीं। चिकित्सा कर्मियों के वैक्सीनेशन भी देरी की गई।
अस्पतालों में मास्क की उचित व्यवस्था नहीं, बिना मास्क वार्ड के नजदीक घूमते हैं लोग।
आमजन को जागरूक करने के लिए प्रचार की व्यवस्था नहीं।
एसएमएस अस्पताल में लंबे समय तक फ्लू संदिग्ध और अन्य मरीजों का एक ही वार्ड में इलाज।
सामान्य लक्षण
लगातार नाक बहना, सर्दी, जुकाम, बुखार आदि।
सावधानी बरतें
पॉजीटिव मरीजों के संपर्क में न आएं, ऐसे मरीजों को अलग रखें, मरीजों के नजदीक मास्क लगाकर जाएं, लक्षण दिखें तो तत्काल डॉक्टर से मिलें।