जयपुर । राजस्थान के बाड़मेर में लगने वाले रिफाइनरी कम पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स के लिए गुरुवार को यहां एमओयू साइन हुए। दिसम्बर 2017 तक रिफायनरी शुरू होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री कार्यालय के सभागार में हुए एक समारोह में राज्य सरकार की ओर से पेट्रोलियम सचिव सुधांश पंत ने और एचपीसीएल की ओर से निदेशक रिफाइनरी ने साइन किए।
समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री डॉ. एम. वीरप्पा मोइली, पेट्रोलियम राज्य मंत्री पी. लक्ष्मी, पेट्रोलियम मंत्रालय के विशेष सचिव सुधीर भार्गव सहित कई केन्द्रीय मंत्री, सांसद, मंत्री और विधायक भी मौजूद थे। तीन से चार माह की अवधि में रिफाइनरी के लिए वित्ताीय ओर तकनीकी जरूरतों को पूरा करने का काम कर लिया जाएगा। इसके बाद यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी के हाथों रिफाइनरी का शिलान्यास कराया जाएगा। इस रिफाइनरी कम पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स में राज्य सरकार की ओर से 15 से 28 प्रतिशत के बीच हिस्सेदारी रखी जाएगी। हिस्सा राशि के रूप में राज्य सरकार की ओर से 800 करोड़ रुपए हर साल अगले चार साल तक दिए जाएंगे। पांचवे साल से 15 साल तक 3736 करोड़ रुपए पैकेज दिया जाएगा।
केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री डॉ. एम. वीरप्पा मोइली ने कहा कि राजस्थान में मिला क्रूड ऑयल सबसे बेहतर है। यहां स्थापित होने वाले रिफाइनरी कम पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स को इसी के आधार पर डिजाइन किया गया है।
उन्होंने कहा कि बाड़मेर-सांचौर बेसिन के मंगला और अन्य ऑयल फील्ड में इतना पर्याप्त क्रूड ऑयल के भंडार उपलब्ध है कि इसके लिए बाहर से क्रूड ऑयल आयात करने की जरूरत ही नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अभी केयर्न की ओर से 1 लाख 75 हजार बीपीडी क्रूड ऑयल उत्पादन किया जा रहा है, इसे 3 लाख 50 हजार बीपीडी तक करने की अनुमति देने जा रहे हैं।
उन्होंने घोषणा की कि एचपीसीएल के खर्चे पर स्थानीय युवाओं के तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो कॉम्प्लेक्स लगने के बाद भी जारी रहेगा और रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। यहां सीधे तौर पर 25 हजार और अप्रत्यक्ष रूप से एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिल सकेगा।