राज्य के वित्तीय प्रबंधन की सर्वत्र प्रशंसा-गहलोत

ashok gehlotजयपुर। मुख्यमंत्राी अशोक गहलोत ने कहा कि वर्तमान सरकार के 51 माह के शानदार कार्यकाल में राजस्थान में मूलभूत सुविधाओं के विस्तार के साथ ही शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल, ऊर्जा, सड़क सहित हर क्षेत्रा में प्रगति हुई है और हमारे वित्तीय प्रबंधन की तारीफ प्रधानमंत्राी, योजना आयोग, रिजर्व बैंक तथा सी.ए.जी. तक ने की है। उन्होंने कहा कि यही नहीं राज्य सरकार की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर जनहित में जो भी मांगें की गयीं उन्हें योजना आयोग ने भी स्वीकार किया है।
मुख्यमंत्राी शुक्रवार को राज्य विधानसभा में राजस्थान विनियोग (संख्या-2) विधेयक, 2013 तथा राजस्थान वित्त विधेयक, 2013 पर हुई बहस का उत्तर दे रहे थे। मुख्यमंत्राी के जवाब के बाद सदन ने राजस्थान विनियोग (संख्या-2) विधेयक, 2013 तथा राजस्थान वित्त विधेयक, 2013 ध्वनिमत से पारित कर दिया। राज्य सरकार ने राजस्थान विनियोग (संख्या-2) विधेयक, 2013 के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2013-14 की सेवाओं के लिए समेकित निधि से सत्तानवें हजार तीन सौ इकतीस करोड़ सत्तर लाख चौरासी हजार रुपये संदत्त और उपायोजित करने का अधिकार प्राप्त कर लिया है। इसी प्रकार राजस्थान वित्त विधयेक, 2013 के माध्यम से वित्तीय प्रस्तावों को प्रभावी करने के लिए तत्सम्बन्धी अधिनियमों को संशोधित करने एवं अन्य उपबंध किये गये हैं।
मुख्यमंत्राी ने बताया कि राजकोषीय प्राथमिकताओं की दृष्टि से 17 राज्यों में राजस्थान की उपलब्धियां श्रेष्ठ रहीं हैं। सकल राज्य घरेलू उत्पाद की तुलना में कुल खर्च राशि में प्रदेश का प्रदर्शन अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर रहा है। कृषि, सामाजिक क्षेत्रा, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्रा में 17 राज्यों में सकल राज्य घरेलू उत्पाद की तुलना में राजस्थान में खर्च की गई राशि का प्रतिशत ज्यादा रहा है।
उन्होंने वर्तमान सरकार के सवा चार वर्षों के कार्यकाल को बेमिसाल बताते हुए कहा कि तेरहवें वित्त आयोग के मापदण्डों के अनुसार ब्याज भुगतान की स्थिति निर्धारित सीमा के अंदर
है। उन्होंने बताया के राज्य में मध्यकालीन राजकोषीय समीक्षा में ब्याज राशि 8012 करोड़ तक जा सकती थी जो 7892 करोड़ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य का सकल घरेलू उत्पाद भी सुधार की ओर है। रिजर्ब बैंक के आकलन के अनुसार सकल घरेलू उत्पाद के मुकाबले राजकोषीय घाटे के मामले में राजस्थान देश में तीसरे स्थान पर है।
मुख्यमंत्राी ने कहा कि योजना आयोग के द्वारा राज्य सरकार की ओर से राष्ट्रीय विकास परिषद तथा विभिन्न मंचों पर उठाई गयी मांगों को स्वीकार किया गया है जो राज्य के लिए गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि शीत लहर एवं पाले को राष्ट्रीय आपदा के तहत शामिल करने तथा 12वीं पंचवर्षीय योजना में ए.आई.बी.पी. के तहत डी.पी.ए.पी. क्षेत्रों के समान डीडीपी क्षेत्रों को भी 90 प्रतिशत केन्द्रीय सहायता उपलब्ध करवाये जाने में शामिल किया गया है। अल्पसंख्यक क्षेत्रों में एमएसडीपी कार्यक्रम के लिये पात्राता में जिले में 25 प्रतिशत की जनसंख्या के मापदण्ड को 15 प्रतिशत करने तथा पंचायत समितियों को भी इकाई मानने की हमारी मांग पर योजना आयोग द्वारा सहमति प्रदान कर दी गयी है। इसके साथ ही 12वीं पंचवर्षीय योजना में अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के लिये छात्रावृत्तियों की संख्या को मांग आधारित रूप में, क्रियान्वित करने का भी निर्णय लिया गया है।
श्री गहलोत ने बताया कि हमारी ही मांग पर 12वीं पंचवर्षीय योजना में राष्ट्रीय लाइवस्टॉक मिशन के गठन तथा आंगनवाड़ी केन्द्रों, स्वास्थ्य उप केन्द्रों व स्कूलों में टॉयलेट के प्रावधान करने का निर्णय लिया गया है। श्री गहलोत ने कहा कि हमारे द्वारा सुझाये गये आवास के अधिकार के प्रस्ताव को केन्द्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्राी की अध्यक्षता में भूमि सुधारों के लिए गठित टास्क फोर्स में विचार के लिए शामिल कर लिया गया है।
उन्होंने बाड़मेर में रिफायनरी की स्थापना को एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए इससे राज्य में होने वाले विकास तथा बड़ी संख्या में रोजगार की संभावनाओं और पैट्रोकैमिकल उद्यम लगने से होने वाले लाभों की जानकारी भी दी।
श्री गहलोत ने जोधपुर जिले के मण्डौर में खनन आवंटन के संबंध में आशंकाओं को निराधार एवं बेबुनियाद बताते हुए कहा कि वे इस संबंध में पहले भी स्थिति स्पष्ट कर चुके है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2011 में जो खनन नीति बनाई है उसकी सर्वोच्च न्यायालय की एम्पावर्ड कमेटी ने सराहना करते हुए अन्य राज्यों को भी इस नीति का अनुसरण करने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि इस नीति में खनन आवंटन के लिए 50 प्रतिशत
आरक्षण तथा 50 प्रतिशत नीलामी करने का प्रावधान है। उन्होंने इस नीति की धारा 65 को समाप्त करने घोषणा की। उन्होंने कहा कि भविष्य में खान आवंटन में उच्च न्यायालय के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में नीति के तहत आवंटन की कार्यवाही की जायेगी।
मुख्यमंत्राी ने कहा कि हमने अपने घोषणा पत्रा में जो भी वायदे किये थे उनमें से अधिकांश को पूरा करने का प्रयास किया है। उन्होंने बजट पर हुई चर्चा में भाग लेने तथा सुझाव देने के लिए सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए भरोसा दिलाया कि उनके द्वारा जनहित में दिये गये सुझावों को पूरा करने के प्रयास किये जायेंगे।

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