उदयपुर में क्या है यातायात का गुडबडझाला

d-सतीश शर्मा- उदयपुर. उदयपुर शहर दुनियाभर के लोगों की आंखों का तारा भले ही है लेकिन हमारे यहां की यातायात व्यवस्था आंखों की किरकिरी से कम नहीं है। इसे साक्षात् महसूस करना है तो कुछ देर देहलीगेट पर ठहरकर देखिए। इस पचराहे पर आपको ऐसी अराजक व्यवस्था देखने को मिलेगी, जैसी शायद आपने अन्यत्र नहीं देखी होगी। यह पचराहा पिछले कई वर्षों से भीषण अव्यवस्था का शिकार बना हुआ है। लेकिन, यातायात विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों और ड्यूटी पर तैनात रहने वाले जवानों को इसकी कोई फिक्र नहीं है। मानो, उन्होंने व्यवस्था नहीं सुधारने का कोई प्रण ले रखा है। ऐसे में देस-विदेश से हमारे यहां आने वाले लोगों के सामने हमारा शहर शर्मिन्दा हो रहा है।
यह है व्यवस्था
जैसी कि हर शहर में हर चौराहा पर व्यवस्था होती है, बारी-बारी से एक-एक मार्ग के ट्रेफिक को गन्तव्य की ओर निकलना होता है। यही व्यवस्था हमारे देहलीगेट पर है। टाउन हॉल मार्ग से आने वाले वाहन चालकों को रेड सिग्नल मिलने पर बापू बाजार से आने वाले वाहन चालकों को आगे बढ़ना होता है। इनका ग्रीन सिग्नल समाप्त होने पर हाथीपोल मार्ग से आने वाले वाहन चालकों को चलना होता है। लेकिन, जैसे ही हाथीपोल मार्ग वालों को रेड सिग्नल मिलता है, दो मार्गों का ट्रेफिक एक साथ चल पड़ता है।
और गड़बड़झाला ये है
हाथीपोल मार्ग के लिए हरी बत्ती बन्द होने के बाद ग्रीन सिग्नल कोर्ट चौराहा की ओर से आने वाले वाहन चालकों के लिए चालू होता है। यह हरी बत्ती बापू बाजार की ओर लगी है। लेकिन, यह बत्ती जलते ही कोर्ट चौराहा मार्ग के साथ शास्त्री सर्कल मार्ग से आने वाले वाहन चालक भी चल पड़ते हैं। जबकि, इनका ग्रीन सिग्नल कोर्ट चौराहा वालों को रेड सिग्नल मिलने के बाद चालू होता है। यह सिग्नल हाथीपोल जाने वाले मार्ग की ओर लगा है लेकिन शास्त्री सर्कल मार्ग से आने वाले वाहन चालक इस ओर ध्यान नहीं देते।
होते हैं गुत्थम-गुत्था
जैसे ही कोर्ट चौराहा मार्ग वाले वाहन चालक आगे बढ़ते हैं, शास्त्री सर्कल की ओर से आने वाली गाड़ियां भी चल पड़ती हैं। ऐसे में वाहन आपस में गुत्थम-गुत्था होने जैसी स्थिति में नजर आने लगते हैं। वाहन चालक एक-दूसरे से उलझते हुए निकलते हैं लेकिन इस अव्यवस्था की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा।
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