जयपुर। केंद्र सरकार अब देश के बड़े शहरों में ऐसे मकान तैयार करेगी जो किराए पर दिए जा सकेंगे। यह सुविधा उन लोगों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी जो अन्य स्थानों से आकर शहर में बसते हैं और उन्हें तुरंत रहने की सुविधा नहीं मिल पाती। इनमें पढ़ाई के लिए आने वाले छात्र भी शामिल हो सकते हैं तो रोजगार के लिए आने वाले युवा भी। इसकी शुरुआत राजस्थान के उदयपुर में एक हजार मकानों से करने पर विचार किया जा रहा है। केन्द्रीय आवासन एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री गिरिजा व्यास ने उदयपुर में एक बातचीत में कही।
डॉ. व्यास ने कहा कि बढ़ते शहरीकरण को रोका नहीं जा सकता, उसे नियोजित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि अफोर्डेबल हाउसिंह पॉलिसी और अन्य योजनाओं को मिलाकर राजीव आवास योजना में समायोजित करने का प्रस्ताव है। अफोर्डेबल हाउसिंह स्कीम के तहत दी जाने वाली यह राशि को 25 हजार से बढ़ाकर 75 हजार करने की योजना भी प्रस्तावित है।
उन्होंने यह भी बताया कि शहरीकरण के लिए राजस्थान को तुलनात्मक रूप से ज्यादा राशि जारी होगी।
देश में 300 करोड़ की लागत से टाउन प्लानिंग का राष्ट्रीय संस्थान स्थापित करने की भी तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि स्ट्रीट वेंडर्स भी आजीविका कमाने का हक रखते हैं। उन्हें हटाकर समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता। उन्हें नियोजित करना जरूरी है। इसके लिए रात के बाजार भी विकसित किए जा सकते हैं।
अच्छा निर्णय …. सरकार को वरिष्ठ नागरिकों के लिए हर प्रायोजित कालोनी में ऐसे मकान भी बनाने चाहिये, जिनमें एक कमरा, एक हाल, एक रसोईघर, स्नानघर, शौचालय और एक छोटा बोक्सरुम हो, और जो एकल वरिष्ठ नागरिको और वरिष्ठ नागरिक दंपतियों को किराये पर जीवन पर्यंत के लिए उपलब्ध हो. ….