रोडमेप ऑफ हायर एज्युकेशन पर उच्च स्तरीय मंत्रणा

jaipur-100x100जयपुर। राज्यस्थान में अधिकाशं शिक्षण संस्थाओं के द्वारा विश्व विद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.) और एनएसी के आवश्यक प्रमाण पत्र प्राप्त ही नहीं किये गये हैं। इसी कारण से उच्च गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने और इससे जुडे कार्यों एवं दायित्वों का निर्वहन करने के लिए इस संस्थानों पर किसी भी प्रकार का स्पर्द्धात्मक दबाव बिल्कुल भी नहीं है ।
राजस्थान सरकार के राज्य योजना बोर्ड के अनुरोध पर भारतीय प्रबन्धन संस्थान (आई आई एम यू) उदयपुर के निदेशक प्रोफेसर जनत शाह एवं प्रोफेसर थॉमस जोसिफ के नेतृत्व में राजस्थान में उच्च शिक्षा क्षेत्र में प्रदान की जा रही निम्न स्तरीय शिक्षा शिक्षण एवं प्रस्तुत शोध कार्यों का निम्न स्तर होने के कारणों का अध्ययन करने पर खुलासा हुआ। अध्ययन में पाया कि शिक्षण संस्थान उन विद्याओं का शिक्षण देने के प्रति उदासीन है, जिनकी एक स्नातक को एक समग्र वैश्विक अर्थव्यवस्था में सफल होने के लिए जरूरत होती है । अध्ययन में बताया गया है कि पिछले कुछ़ दशकों में राजस्थान में शिक्षण संस्थाओं की संस्था और छात्रों के नामांकन में भारी वृद्धि हुई है, परन्तु राज्य को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठता का केन्द्र बनाने के लिए इस प्रकार के परिदृश्य को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए ।
राजस्थान टेक्नीकल युनिवर्सिटी कोटा के उपकुलपति प्रोफेसर आर.पी.यादव एंव आई आई एल एम अकादमी ऑफ हायर एज्युकेशन जयपुर के विनय चिरानिया द्वारा उच्च शिक्षा द्वारा रोजगार अन्तराल को समाप्त करने सम्बन्धी अध्ययन के अनुसार कोरपोरेट सेक्टर द्वारा बार बार दोहराये जा रहे मत को उजागर करते हुए कहा कि ‘‘भारत में बेरोजगार की समस्या नहीं है, अपितु लोगों को रोजगार योग्य बनाने की समस्या है।’’ देशभर में लगभग 2 करोड 18 लाख छात्रों ने 45000 से भी अधिक डिग्री और डिप्लोमा संस्थानों में प्रवेश लिया है । इसके अतिरिक्त 42 लाख छात्रों ने खुले और दूरस्थ शिक्षण (ओपन एण्ड डिस्टेन्स लर्निग ओडीएल) कार्यक्रम में नामांकन कराया है ।
12 राज्यों में कराये गये सर्वेक्षण में उजागर हुआ है कि इन्जिनियरिंग कॉलेजों में पढने वाले छात्रों में से केवल 10 प्रतिशत छात्र ही रोजगार प्राप्त करने योग्य है । राजस्थान में उच्च शिक्षा में कोरपोरट सेक्टर की सहभागिता पर उदयपुर आई आई एम द्वारा किये गये सर्वेक्षण में बताया गया कि भारत में कोरपोरेट सेक्टर द्वारा स्थापित किये गये उच्च क्वालिटी शिक्षण संस्थानों जैसे टी.एफ.आई.आर, टी.आई.एस.एल., बी.आई.टी.एस. पिलानी द्वारा अपना उच्च शैक्षणिक मापदण्ड बनाये हुए हैं, जिसकी वजह से सर्वश्रेष्ठ छात्रों एंव शोधार्थियों के आर्कषण का केन्द्र है। आई.आई.एम. उदयपुर के निदेशक डा. जनत शाह ने बताया कि इन संस्थानों द्वारा उद्योगों से फीडबेक लेकर अपने पाठ्यक्रमों को नियमित सुधार करके समकालीन एंव प्रांसगिक बनाने के साथ उच्च शिक्षा स्तर का ध्यान रखने से छात्र कुशल बनते हैं और शत प्रतिशत रोजगार मिल जाता है । ‘‘एक ज्ञान आधारित समाज निर्माण करने एवं सरकार के विकासात्मक लक्ष्यों की पूर्ति में यह महत्वपूर्ण कदम है ।’’
प्रोफेसर जनत शाह ने सामाजिक समावेश के सिद्धान्त को अपना कर कोरपोरेट सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए व्यूह कार्य योजना प्रस्तुत की है । प्रस्तावित कार्य योजना को आगे बढाने एंव क्रियान्वित करने की दृष्टि से इनपुट प्रक्रिया आउटपुट विश्लेषण पद्धति को अपनाने की सिफारिश की है ।
राजस्थान योजना बोर्ड के सदस्य डा. अशोक बापना ने बताया कि राजस्थान योजना बोर्ड व राजस्थान विश्व विद्यालय किशनगढ द्वारा संयुक्त रूप से राज्य में उच्च शिक्षा की चुनौतियों एवं समाधान के साथ भविष्य की रणनीति आधार पत्र तैयार करने के लिए दो दिवसीय ‘‘रोडमेप फार हायर ऐज्युकेशन इन राजस्थान’’ पर गोलमेज सम्मेलन पुष्कर में 31 अगस्त से आयोजित होगा । सम्मेलन का नेतृत्व प्लानिंग बोर्ड के उपाध्यक्ष एंव प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद् के सदस्य पद्मभूषण प्रोसेसर विजय शंकर व्यास एवं केन्द्रीय विश्व विद्यालय के उपकुलपति एम.एम. सालूखे करेगें-जिसमें देश भर से उच्च शिक्षा से जुडे शिक्षाविद एवं नीति निर्धारण करने वाले उच्च प्रशासनिक अधिकारी भाग लेगें ।
-कल्याण सिंह कोठारी
मीडिया सलाहकार
9414047744

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