भाविप एक सम्पूर्ण सेवा संगठन है:डॉ.माहेश्वरी

उदयपुर। भारत विकास परिषद प्रताप ने आज परिषद् का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। परिषद् के संरक्षक डॉ. सत्यनारायण माहेश्वरी नें इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि भाविप एक सम्पूर्ण सेवा संगठन है। यह प्रत्यक्ष सेवा कार्यों के साथ ही वंचितों के विकास और संस्कार निर्माण का कार्य भी करता है। उच्च नैतिक चरित्र और उत्कृष्ट राष्ट्रभक्ति के लिए परिषद् विशेष प्रयास करती है। राष्ट्रीय आपदाओं के समय परिषद् त्वरित सहायता के प्रकल्प चलाती है।
डॉ. सत्यनारायण माहेश्वरी नें कहा कि भाविप के भारत को जानो स्पद्र्धा में गत वर्ष 11 लाख विद्यार्थियों नें भाग लिया। एक लाख से अधिक पुस्तिकाओं का वितरण किया गया। सारे देश में 5000 से अधिक विद्यालयों में राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। 10000 शिक्षकों और 20000 हजार विद्यार्थियों का सम्मान किया गया। विगत वर्ष में 400 से अधिक संस्कार शिविरों आयोजित किए गए। इनमें 60000 नागरिकों को भारतीय संस्कारों में प्रशिक्षित किया गया।
डॉ. सत्यनारायण माहेश्वरी नें बताया कि विगत वर्ष में परिषद् के सदस्यों नें 15430 इकाईयों का रक्तदान किया। देशभर में 1410 चिकित्सा शिविर आयोजित किए गए। वृक्षारोपण में 50000 पोधे लगाए गए हैं। भाविप प्रताप आगामी 22 जुलाई को प्रांत स्तरीय वाद विवाद प्रतियोगिता आयोजित कर रही है। इसका विषय ‘स्व भाषा और स्व धर्म की शिक्षा से ही भारत वैश्विक महाशक्ति बन सकता है’ रखा गया है। यह कार्यक्रम स्वामी विवेकानंद जी को समर्पित है।
समारोह में भाविप प्रताप के अध्यक्ष कमलेश धुप्पड़, सचिव पिंकी माण्डावत, चेतन लुणदिया, नरेन्द्र पोरवाल, राजेश लोढ़ा, अशोक मोदी, अजेश सेठी, बंसत पोरवाल, ओम चित्तौड़ा, रमेश मोदी, सुरेन्द्र भण्डारी आदि सदस्यों नें भी विचार व्यक्त किए।

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