हम सार्थक ढंग से बाबा अम्बेदकर जयंती मनाना सकते हैं
हमारे देश में प्राचीन काल से जो दर्शन मौजूद है इसकी सबसे बडी शक्ति इसका लचीलापन है। कुछ भी विचार , जो ईश्वर, समाज या राजनीति से सम्बन्धित है, इसके दर्शन का अंग बन सकता है। सभी महापुरूषों के विचारों को सुनना , अमल करना यहां के लोगों का स्वभाव है। सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र … Read more