सिंधी वोटों के दम पर दावेदारी कर रहे हैं बाकोलिया

k bakoliya 9-13.7.12अजमेर दक्षिण विधानसभा सीट हालांकि अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है और अजमेर निगम के मेयर कमल बाकोलिया भी उसी नाते टिकट की दावेदारी कर रहे हैं, मगर समझा जाता है कि उनकी नजर सिंधी वोटों पर भी है, जिनके दम पर वे मेयर का चुनाव जीत गए थे।
बताया जा रहा है कि बाकोलिया जहां विभिन्न समाजों के संगठनों से अपने पक्ष में सिफारिशी पत्र जुटा रहे हैं, वहीं सिंधी समाज की संस्थाओं से भी डिजायर मांग रहे हैं। ऐसा करके वे जताना चाहते हैं कि वे अपनी जाति के वोट तो हासिल करेंगे ही, सिंधियों के वोट भी हासिल करेंगे।
इस सिलसिले में आपको बता दें कि उन्हें मेयर का टिकट देने का आधार ही ये था कि वे अजमेर के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और पांच बार नगर पालिका अजमेर के पार्षद रहे स्वर्गीय श्री हरिशचंद जटिया के पुत्र हैं, जिन्होंने आजादी के बाद बजमेर में सिंध प्रांत से आए विस्थपितों को पुन: बसाने व मुआवजा दिलाने में महती भूमिका निभाई। वे मूलत: सिंध के रहने वाले थे और उन्हें सिंधी ही माना जाता था, अर्थात सिंधियों में घुले-मिले थे। कालांतर में उनके परिवार को अनुसूचित जाति में शामिल माना जाने लगा। आज भी कई पुराने सिंधी बाकोलिया को स्वर्गीय जटिया की वजह से सिंधी ही मानते हैं। मेयर के चुनाव में उन्होंने इस धारणा को भुनाया भी। उस चुनाव में बाकायदा इस मुद्दे पर परचे बाजी भी हुई थी। समझा जाता है कि वे मूलत: सिंध का होने के नाते विधानसभा चुनाव में टिकट हासिल कर वोट लेना चाहते हैं। एक अर्थ में देखा जाए तो वे ऐसे अकेले दावेदार हैं, जो अनुसूचित जाति से होते हुए भी सिंधी जनाधार रखते हैं। ज्ञातव्य है कि अजमेर दक्षिण में सिंधियों के तकरीबन तीस हजार वोट माने जाते हैं, जिनका लाभ पिछले चुनाव में सिंधी-गैर सिंधीवाद के चलते सिंधियों के कांग्रेस के खिलाफ चले जाने के कारण भाजपा की श्रीमती अनिता भदेल को मिला था।
-तेजवानी गिरधर
7742067000

1 thought on “सिंधी वोटों के दम पर दावेदारी कर रहे हैं बाकोलिया”

  1. Sindhi vote ke bajaye agar ye south ke vikas par dhyan de to phir bhi jeet jaye usme sabhi samuday ke logo ke vote milenge.

Comments are closed.

error: Content is protected !!