दिन-प्रतिदिन की चुनौतियों का सामना पूरे विश्वास से करें:—-हमे अपनी पुरानी सोच “कि यह काम बहुत मुश्किल इसलिये यह काम मैं नही हो सकता। …..इन बातों के स्थान पर अपने मन मैं यह दोरायें कि यह काम हो जायगा, और इस काम को मैं कर सकता हूँ | हो सकता है ऐसी बहुत सी चीजे हों जिन पर हमारा पूरा नियंत्रण ना हो लेकिन यदि हम अपनी पूरी सामर्थ्य और मन को उस काम करने में लगाते हैं तो तो चाहे सफलता मिले या असफलता हमें बाद में कोई पछतावा नही रहता। चुनौतियों का सामना साहस एवं उत्साह के साथ करें |
प्रस्तुतिकरण—-डा. जे. के. गर्ग
सन्दर्भ—– मेरी डायरी के पन्नें, विभिन्न पत्रपत्रिकायें,अभिषेक कांत पाण्डेय, डा. के.वी आनन्द आदि
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