क्या जोधपुर जेल/कोर्ट से आसाराम बापू होंगे रिहा ?

(पूरा नाम: आसूमल थाऊमल सिरुमलानीअथवा आसूमल सिरूमलानी,
जन्म: 17 अप्रैल 1941, नवाबशाह जिला, सिंध प्रान्त) भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय, आध्यात्मिक सन्त हैं जो अपने शिष्यों को एक सच्चिदानन्द ईश्वर के अस्तित्व का उपदेश देते हैं। उन्हें उनके भक्त प्राय: बापू के नाम से सम्बोधित करते हैं। आसाराम 450 से अधिक छोटे-बड़े आश्रमों के संचालक हैं। उनके शिष्यों की संख्या करोड़ों में है।

आइये अब देखते हैं गूगल पर उपलब्ध आशाराम बापू की जन्म कुंडली का विश्लेषण–

Name: Sant Asharam Bapu
Date of Birth: Thursday, April 17, 1941
Time of Birth: 12:00:00
Place of Birth: Sindh
Longitude: 68 E 52
Latitude: 26 N 5
Time Zone: 5.5

* बापू के जन्म जन्म 17 अप्रैल सन् 1941 को दिन में 12 बजे पाकिस्तान के सिंध प्रांत में नवाब शाह जिले के बैरानी गांव में हुआ। *आसाराम बापू का जन्म का लग्न मिथुन लग्न है और चन्द्र राशि धनु है* इनके जन्म के समय पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र ‘शिव’ योग एवं ‘चक्रसुदर्शन’ मुहूर्त चल रहा था, क्षितिज पर मिथुन लग्न का उदय भी हो चुका था। मिथुन लग्न की कुंडली में लग्न से चतुर्थ भाव में राहू, सप्तम में चंद्रमा, अष्टम में मंगल और दशम भाव में नीचराशि के बुध बैठे हैं, जबकि एकादश लाभ भाव में सूर्य, गुरु, शुक्र एवं शनि बैठे हैं।
कुंडली में शुभ-अशुभ मिलाकर सौ से अधिक योग बने हैं किन्तु सबसे प्रमुख योगों में चतुर्ग्रही योग, कुशल वक्ता और धर्मगुरु की ख्याति वाले योग प्रमुख हैं। चतुर्थ भाव राहू और दशम भाव में बुध के साथ केतु होने के फलस्वरुप इनका बाल्यकाल काफी अभाव और घोर संघर्षों में बीता और पिता से वियोग भी हुआ।

इनके जीवन में सबसे बड़ा परिवर्तन वाणीभाव के स्वामी (द्वितीयेश) चंद्रमा की महादशा, बृहस्पति की अंतर्दशा जून 1963 से अक्टूबर 1964 में आया। जब इनके गुरु लीलाशाह ने संत आसाराम का नाम दिया।

चंद्रमा और बृहस्पति के नव-पंचम संयोग ने आसाराम को संतश्री बना दिया। उस समय इनकी उम्र 23 साल की थी, तब से आजतक कामयाबियों की सीढ़ियां चढ़ते जा रहे हैं।

विवादों से घिरे रहने के योग ने उन्हें भक्तों की आस्था-विश्वास का लाभ लेते हुए जोधपुर की जेल तक का सफर तय कर लिए ।

*वर्तमान में आसाराम बापू की जन्म कुंडली में शनि की महादशा चल रही है* ओर उसमे शुक्र की अंतर्दशा 26 मार्च 2018 से आरम्भ हुई हैं।

*26 मार्च 2018 को शनि में शुक्र की अंतरदशा चालू होने से आसाराम बापू को जेल से रिहा होने का योग बन रहा है। चूंकि 18 अप्रैल 2018 प्रातः 7 बजे को शनि वक्री हुआ था जो 6 सितंबर 2018 तक वक्री रहेगा*

*आसाराम बापू को 18 अप्रैल 2018 को शनि के वक्री होने से जेल से रिहा होने का मौका मिल सकता है । संभवनाएं बनती हैं कि आशाराम बापू 27 अप्रैल 2018 से 7 मई 2018 के बीच जेल से रिहा हो सकते हैं।* किन्तु विष योग (सप्तम का चंद्रमा, ग्यारवें भाव के शनि को देख था हैं) के फलस्वरूप उनकी रिहाई में अनेक रुकावट/रोड़े आ सकते हैं।वही शुक्र भी डिग्री में बहुत कमजोर हैं।लगभग 3 डिग्री का।
इस सबके आधार पर यदि ऊपरी या मोटा मोटा गणित किया जाए तो आशाराम बापू के जेल से रिहा होने की उम्मीद नजर आती हैं किंतु जब शुक्ष्म गणित करते हैं तो उनके रिहा होने की उम्मीद/आशा धूमिल होती नजर आ रही हैं।

पंडित दयानन्द शास्त्री,
(ज्योतिष-वास्तु सलाहकार)

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