फादर्स डे —पितृ सम्मान दिवस

डा. जे.के.गर्ग
सच्चाई तो यही है कि इन्सान अपने पापाकी छाया में रह कर कब बड़ा और युवा हो जाता हें यह उसको मालूम ही नही हो पाता है | पापा अथवा पिता (अब्बू,डेडी) ही दिन रात बच्चे के लिए जीते मरते रहते हैं, उनकी हर इच्छा को पूरा करनेवाले के लिये हर सम्भव कोशिश भी करते हैं | पिता के जीवन का एक मात्र काम होता हे अपने बेटी-बेटों को जीवन की सारी खुशियाँ देना और उन्हें एक कामयाब एवं योग्य मनुष्य बनाना, वें अपने बच्चों की ख़ुशियों के खातिर खुद की सारी खुशियाँओ को छोड़ देते हें, खुद अभाव और तकलीफ में रह कर अपने बच्चों को सुख-सुविधाओं के समस्त साधन उपलब्ध करवातें हैं |
बच्चों के लालनपालन,परवरिश,शिक्षा आदि में मां के योगदान के साथ साथ पिता का योगदान को भी भुलाया नहीं जा सकता है |वास्तिवकता तो यही है कि पिता ही बालक के लिये एक सच्चा दोस्त,पथ प्रदर्शक,गाइड, रोलमोडल एवं गुरु भी होता है|हर पिता अपने बेटे बेटियों को जीवन में आने वाली बाधाओं का सामना करने के काबिल बनाता है औरउनकी शिक्षा के लिये भरपूर प्रयास करता है | पिता ही अपने बच्चों को अच्छे-बुरे का भेद समझाता है| किसी ने सही ही कहा है कि ‘पिता भगवान् के दुवारा भेजे गये धरती पर देव दूत ही होते हैं’|हमारी संस्क्रति में तीन प्रकार के ऋण यानि राष्ट्रऋण,पित्रऋण और गुरु ऋण का उल्लेख किया जाता है एवं हर इन्सान से यह अपेक्षा की जाती है कि वह अपने सुक्रत्यों से इन तीनों ऋण से ऊऋण होने का भरपूर प्रयास करें|सच्चाई तो यही है कि बच्चें अपने पिताजी के कर्ज से अपने आपको कभी भी मुक्त नहीं कर सकते हैं |हम सभी को पित्रऋण को चुकाने के लिये हर मुमकिन कोशिश करनी चाहिए तथा अपने पिताजी की सुख-सुविधाओं का ध्यान रख उनकी देख भाल करनी चाहिए| फादर्स डे या पितृ सम्मान दिवस मात्र पिताजी का ही नहीं वरन दादाजी,नानाजी पड दादी-दादाजी,पड नानी-नाजी एवं समस्त पितृ तुल्य स्वजनों,मित्रों एवम् समस्तपरिचितों के प्रति सम्मान-आदर व्यक्त्त करने का दिवस है| दुनियांभर में फादर्स डे पर सभी वर्गों के स्त्री-पुरुषयानि युवक-युवतियां,बेटे-बेटियां, प्रोढ़ स्त्री-पुरुष अपने बुजुर्ग पिता और समस्त पितृ तुल्यों के प्रति उनकी सेवाओं,योगदान,मार्गदर्शन को याद कर अपना आभार और क्रतज्ञता व्यक्त्त करते हैं | फादर्स डे पर स्वजन अपने पिताजी एवम् पितृ तुल्य व्यक्तियों को बाहर सैर सपाटे के लिये ले जाते हैं तथा उनके साथ समय बिता कर उन्हें विश्वास दिलाते हैं कि आप अकेले नहीं हैं हम सभी बच्चें आपके साथ है तथा आपकी सेवा सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है| फादर्स डे पर बच्चें, चाहे वे कहीं भी हो उन्हें उपहार भेज कर इस बात की शपथ लेते हैं कि वे सभी उनके प्रति अपने सभी कर्तव्यों को जीवन पर्यन्त पुरी निष्ठा के साथ पूरा करेगें | मुझे कई बार अमेरिका जाने का अवसर मिला है वहां पर भारतीय समुदाय फादर्स डे पर विशाल स्तर पर पिकनिक का आयोजन करता हैं एवं इस पिकनिक में सभी पुरुष वर्ग के बुजुगों को सम्मानित कर उनके योगदान को याद कर उनके प्रति अपना आभार प्रकट करते हें, इस अवसर पिता एवम् पितृतुल्य व्यक्तियों के चेहरों पर आई मुस्कान जहाँ उन्हें आत्मसंतोष तो देती है वहीं उनको युवाओं के समान स्फूर्ति भी प्रदान करती हैं |

फादर्स डे मनाने के बारे में मार्मिक कहानी है | 1909 में व्याय.एम.सी.ए स्पोकेन- वाशिंगटन की निवासी सोनोरा स्मार्ट दोद्द ने मदर्स डे के बारे में सुना था|सोनोरा स्मार्ट दोद्द अपने पिताजी का ह्रदय से सम्मान करती थी, क्योंकि उसके पिताजी ने अकेले ही उसके 6 भाई बहिनों का लालन पालन किया था|अपने पिताजी के प्रति आदर सम्मान को व्यक्त करने हेतु सोनोरा स्मार्ट दोद्द भी मदर्स डे के समान फादर्स डे मनाना चाहती थी इसीलिये उसने अपने मन की बात अपने मित्रों एवं स्वजनों के सामने प्रकट करते हुए मदर्स डे के समान ही फादर्स डे को मनाने का विचार प्रस्तुत किया|इस सम्बंध में सोनोरा स्मार्ट दोद्द ने अपने शहर के स्थानीय पादरी से मदर्स डे के समान फादर्स डे को आयोजित करवाने की प्राथना की जिसे कुछ समय बाद पादरी महोदय ने स्वीकार कर लिया |पादरी महोदय के सरमन की अनुपालना में 19 जून 1910 कोपहली बार फादर्स डे बनाया गया| इसी परम्परा के अनुसार प्रति वर्ष जून महिने के तीसरे रविवार को अमेरिका एवम् कई अन्य देशों में फादर्स डे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है| इस वर्षफादर्स डे रविवार 17 जून 2018 को मनाया जायेगा|पिछले कई सालों से विदेशो के साथ साथ भारत में भी खासकर युवा वर्ग फादर्स डे को धूमधाम से मनाने लगा है |
मुझे कई बार अमेरिका जाने का अवसर मिला है वहां पर भारतीय समुदाय फादर्स डे पर विशाल स्तर पर पिकनिक का आयोजन करता हैं एवं इस पिकनिक में सभी पुरुष वर्ग के बुजुगों को सम्मानित कर उनके योगदान को याद कर उनके प्रति अपना आभार प्रकट करते हें, इस अवसर पिता एवम् पितृतुल्य व्यक्तियों के चेहरों पर आई मुस्कान जहाँ उन्हें आत्मसंतोष तो देती है वहीं उनको युवाओं के समान स्फूर्ति भी प्रदान करती हैं | किसी ने सही कहा है “पापा सबसे स्पेशल हैं क्यों कि जब कभी हमें तकलीफ होती है तो वो हमारा हाथ पकड़ कर हमें सहारा देते हैं एवं हिम्मत देते हैं,जब कभी हम जानें-अनजाने में नियमों का उल्ल्घन करते हैं तो वे हमें ड़ाटते-फटकारते हैं,जब कभी हमेंसफलता मिलती है उस क्षण गर्व से उनका सीना 56 इंच चोडा हो जाता है एवं उनका चेहरा चमक उठता है | किसी ने पूछा वो कोन सी जगह है जहाँ हर गलती,हर जुर्म और हर गुनाह माफ़ हो जाता है?नन्हा बच्चा मुस्कराया और बोला मेरे पापा का दिल |

आईये आज फादर्स डे पर हम सभी संकल्प लें कि ” हम अपने आप को पिता के प्रेम के योग्य बनायगें” समस्त पिताओं, आत्मीय स्वजनों के चरणों में शत शत नमन |

प्रस्तुतिकरण—-डा. जे. के. गर्ग

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