फादर्स डे पर दिल को छूने वाली मार्मिक कविता

डा. जे.के.गर्ग
प्यारे पापा सच्चे पापा, बच्चों के संग बच्चे पापा | करते हैं पूरी हर इच्छा, मेरे सबसे अच्छे पापा |
पापा ने ही तो सिखलाया, हर मुश्किल में बन कर साया | जीवन जीना क्या होता है, जब दुनिया में कोई आया |
उंगली को पकड़ कर सिखलाता, जब पहला क़दम भी नहीं आता | नन्हे प्यारे बच्चे के लिए , पापा ही सहारा बन जाता |
जीवन के सुख-दुख को सह कर, पापा की छाया में रह कर | बच्चे कब हो जाते हैं बड़े, यह भेद नहीं कोई कह पाया |
दिन रात जो पापा करते हैं, बच्चे के लिए जीते मरते हैं | बस बच्चों की ख़ुशियों के लिए,अपने सुखो को हरते हैं |
पापा हर फ़र्ज़ निभाते हैं, जीवन भर क़र्ज़ चुकाते हैं | बच्चे की एक ख़ुशी के लिए अपने सुख भूल ही जाते हैं |
फिर क्यों ऐसे पापा के लिए, बच्चे कुछ कर ही नहीं पाते | ऐसे सच्चे पापा को क्यों, पापा कहने में भी सकुचाते |
पापा का आशीष बनाता है, बच्चे का जीवन सुख दाई , पर बच्चे भूल ही जाते हैं ,यह कैसी आँधी है आई |
जिससे सब कुछ पाया है, जिसने सब कुछ सिखलाया है | कोटी कोटी नमन ऐसे पापा को, जो हर पल साथ निभाया है |
जो प्यारे पापा के प्यार भरे , सीने से जो लग जाते हैं | सच कहती हूँ विश्वास करो जीवन में वें सदा सुख पाते हैं |

साभार सुलेखा.कॉम:

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