धरती के भगवान को नमन—अभी भी जिन्दा है डाक्टर्स में सेवा भाव

डा. जे.के.गर्ग
डॉक्टर्स की समाज के प्रति अमूल्य सेवा एवं योगदान के बारे में जनसाधारण को जागरुक करने के लिये प्रति वर्ष भारत में 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (डाक्टर्स डे) मनाया जाता है | इस वर्ष रविवार 1जुलाई 2018 को हमारे देश में धरती के भगवान को नमन करने हेतु डाक्टर्स डे मनाया जारहा
भारत के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ बिधान चन्द्र रॉय को श्रद्धांजलि और सम्मान देने के लिये 1 जुलाई को उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर इसे मनाया जाता है । 4 फरवरी 1961 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। डॉ.बी.सी.रॉय का जन्म 1 जुलाई 1882 को बिहार के पटना में हुआ था। डा.रॉय ने 1911 में एक चिकित्सक के रुप में अपने चिकित्सा जीवन प्रारम्भ किया था। वो एक प्रसिद्ध चिकित्सक तथा प्रख्यात शिक्षाविद् होने के साथ ही स्वतंत्रता सेनानी भी थे | महात्मा गांधी के सम्पर्क में आने के बाद वे भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के नेता बने और उसके बाद पश्चिम बंगाल के मुख्य मंत्री बने। इस दुनिया में अपनी महान सेवा देने के बाद 80 वर्ष की आयु में 1962 में अपने जन्मदिवस के दिन ही उनकी मृत्यु हो गयी। उनके सम्मान में वर्ष 1976 में उनके नाम पर डॉ.बी.सी. रॉय राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्रारम्भ किया गया।
संपूर्णं डॉक्टरों के सम्मान के दिन के रुप में डाक्टर्स डे को मनाया जाता है | डाक्टर्स अपने मरीज के जीवन की रक्षा हेतु न दिन न रात परवाह करते हैं | डाक्टर्स अपने व्यक्तिगत सुख सुविधाओं की परवाह किये बिना अपने अथक प्रयासों से मरीज को मोत के मुहं से खीचं लाकर उन्हें नया जीवन प्रदान करते हैं इसीलिये उन्हें धरती पर भगवान का साक्षात् रूप भी माना जाता है |
डाक्टर्स डे पर जनमानस अपने डाक्टर को ह्रदय से धन्यवाद अर्पित करते हुए उनके प्रति सम्मान प्रकट करते हैं | डाक्टर्स डे पर चिकित्सा क्षेत्र के विभिन्न पहलूओं के बारे गोष्टी,सेमीनार आयोजित किये जाते हैं | स्वास्थ्य देख-भाल संस्थानों के द्वारा सार्वजनिक जगहों और कई स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुफ्त चिकित्सीय परीक्षण कैंप लगाए जाते हैं। समर्पित मेडिकल पेशे की ओर ज्यादा युवा विद्यार्थियों को बढ़ावा देने के लिये स्कूल और कॉलेज स्तर पर कुछ गतिविधियाँ भी आयोजित की जाती है। मेल के द्वारा ग्रीटिंग संदेश, उन्हें फूलों का गुच्छा या बुके देकर, इ-कार्ड, सराहना कार्ड, अभिवादन कार्ड वितरण करने के द्वारा 1 जुलाई को मरीज अपने डॉक्टर का अभिवादन करते है।
डॉक्टर्स डे के दिन डॉक्टरों को भी आत्म चिन्तन करते हुए अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को समझना होगा | डाक्टर्स को चिकित्सा को मात्र पैसा कमाने का साधन नहीं मान कर उसकी जगह इसे मानवीय सेवा का अवसर बनाना चाहिये |
प्रस्तुती—डा. जे. के.गर्ग
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