अजमेर, 3 जुलाई। भारतीय मजदूर संघ के अजमेर डिस्कॉम के प्रतिनिधियों ने तकनीकी कर्मचारियों की समस्याओं के सम्बन्ध में अजमेर विद्युत वितरण निगम लि. के प्रबंध निदेशक श्री बी. एम. भामू से वार्ता की। कर्मचारियों की मुख्य समस्याओं में निजीकरण पर रोक, अनुकम्पात्मक आधार पर लगे मंत्रालयिक कर्मचारी को टाईप टेस्ट में छूट देने, तकनीकी फीडर इंचार्ज को बेहतर कार्य करने पर प्रोत्साहन राशि का भुगतान करने एवं विद्युत तंत्रा पर कार्य करते समय आवश्यक सुरक्षा उपाय के उपकरणों के सम्बन्ध में, तकनीकी कर्मचारियों के पदोन्नति के संबंध में वार्ता की। जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ मिला है उसके लिए संघ के प्रतिनिधियों ने प्रबंध निदेशक का आभार जताया।
प्रबंध निदेशक ने सुरक्षा उपाय के उपकरण 7 दिन में आवंटन करने, तकनीकी कर्मचारियों के पदोन्नति के सम्बन्ध में बी.ओ.डी. में बाईफरकेशन के लिए भिजवा दी गई है। सूची प्राप्त होने पर एक माह में पदोन्नति कर दी जाएगी। बैठक में सचिव (प्रशासन) श्री के. सी. लखारा, उपनिदेशक कार्मिक (मुख्या.) श्री मुकेश गुप्ता, सहायक लेखाधिकारी श्री दिनेश खण्डेलवाल, भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधियों में श्री जुगल किशोर (अध्यक्ष), श्री नरेन्द्र सिंह राठौड़ (महामंत्राी), श्री धर्मू पारवानी, श्री रामअवतार अग्रवाल (संगठन मंत्राी), श्री विनीत जैन (संयुक्त सचिव) व अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
घातक दुर्घटना के दो मृत तकनीकी सहायकों के आश्रितों को 20-20 लाख की मुआवजा राशि का भुगतान स्वीकृत
अजमेर, 3 जुलाई। अजमेर विद्युत वितरण निगम लि. के प्रबंध निदेशक श्री बी. एम. भामू की स्वीकृति अनुसार निगम के सचिव (प्रशासन) ने एक आदेश जारी कर बताया कि निगम में कार्य करते हुए घातक विद्युत दुर्घटना के शिकार तकनीकी सहायक के आश्रितों को मुआवजा राशि का भुगतान स्वीकृत किया गया।
सचिव (प्रशासन) ने बताया कि मृत कर्मचारी श्री कैलाश चन्द्र पुत्रा श्री दुलाराम सहायक अभियंता खाटूश्यामजी, सीकर कार्यालय में तकनीकी सहायक के पद पर कार्यरत थे, उनकी मृत्यु दिनांक 11 मई 2015 को कार्य करते समय विद्युत दुर्घटना के कारण हो गई थी। डिस्कॉम द्वारा मृत कर्मचारी के परिवार को आर्थिक सहायकतार्थ व भरण-पोषण हेतु तकनीकी सहायकों के आश्रितों को 20 लाख रूपए की मुआवजा राशि का भुगतान किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मृत कर्मचारी के आश्रितों को एक्स-ग्रेसिया का भुगतान अनुकम्पात्मक अधिनियम के तहत किया जाएगा।