जन प्रिय लोक देवता —बाबा रामदेव—रामशापीर पार्ट 3

कपड़े के घोड़े को आकाश में उड़ाना

डा. जे.के.गर्ग
बालक रामदेव ने अपने पिता से खिलोने वाले घोड़े की जिद की तब राजा अजमल ने खिलोने वाले को चन्दन और मखमली कपडे का घोड़ा बनाने को कहा। कीमती मखमली कपड़ों को देख खिलोने वाले के मन में लालच आ गया और उसने बहुत सारा कपडा अपनी पत्नी के लिये रख लिया और और बहुत कम कपड़े से घोडा बना कर राजा को दे दिया । जब बालक रामदेव घोड़े पर बैठे तो घोड़ा उन्हें लेकर आकाश में चला ग़या। राजा खिलोने बनाने वाले पर गुस्सा होते उसे जेल में डाल दिया। कुछ समय पश्चात, बालक रामदेव वापस घोड़े के साथ आये। खिलोने वाले ने राजसी कपड़े को चुराने की बात कबूल कर रामदेवजी से उसे राजा के क्रोध से बचाने के लिये प्राथना की, बाबा रामदेव ने दया दिखाते हुए उसे माफ़ किया। आज भी, कपडे वाला घोड़ा बाबा रामदेव की खास चढ़ावा माना जाता है।

दलितों-गरीबों और अल्पसंख्यकों के मसीहा—बाबा रामदेवजी

रामदेवजी ने राजा बनकर नही अपितु जनसेवक बनकर गरीबों, दलितों, असाध्य बीमारियों से पीड़ित रोगियों व जरुरत मंदों की हर सम्भव से सहायता और सेवा की। दलित कन्या डाली बाई को रामदेवजी ने अपने घर के अन्दर बेटी की तरह उसका लालन-पालन किया | उन्होंने सैकड़ों दलितों का पोषण किया और उनकी सहायता सेवा की | इसीलिए आज भी असंख्य दलित समुदाय के लिये वे आराध्यदेवता हैं | रामदेवजी ने पोखरण की जनता को भेरव राक्षक से मुक्त कराया, रामदेव के हाथो राक्षक़ उनके सामने आत्मसमर्पण कर हमेशा के लिये मारवाड़ छोड़ कर चला गया |

प्रस्तुतिकरण———डा.जे.के.गर्ग

सन्दर्भ—– इतिहासकार मुंहता नैनसी का ग्रन्थ “मारवाड़ रा परगना री विगत”, मेरी डायरी के पन्ने,विभिन्न समाचार पत्र पत्रिकायें आदि | Visit our Blog—-gargjugalvinod.blogspot.in

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