बौद्ध धर्म में दीवाली :–
बौद्ध धर्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध के समर्थकों एवं अनुयायियों ने 2500 वर्ष पूर्व गौतम बुद्ध के स्वागत में उनके लाखों अनुयायीयों नेदीप जलाकर दीपावली मनाई थी।
जैन धर्म में दीवाली :–
दीपोत्सव का वर्णन प्राचीन जैन ग्रंथों में मिलता है । कल्पसूत्र में कहा गया है कि महावीर-निर्वाण के साथ जो अंतरज्योति सदा के लिए बुझ गई है, आओ हम उसकी क्षतिपूर्ति के लिए बहिर्ज्योति के प्रतीक दीप जलाएं। 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामीजी को इस दिन बिहार के पावापुरी मै निर्वाण की प्राप्ति हुई थी जिसके उपलक्ष्य में जैनियों में यह दिन दीवाली के रूप में मनाया जाता है। महावीर-निर्वाण संवत् इसके दूसरे दिन से शुरू होता है इसलिए अनेक प्रांतों में इसे वर्ष के आरंभ की शुरुआत मानते हैं।
आर्य समाजियों में दिवाली:– महर्षि दयानंद ने वर्ष 1875 में आर्य समाज की स्थापना की थी | महान समाज सुधारक महर्षि दयानंद सरस्वती ने कार्तिक मास की अमावस्या के दिन अजमेर में निर्वाण प्राप्त किया। उसी दिन से इस दिन को दीवाली के रूप में मनाया जा रहा है।
फसलों की कटाई का त्यौहार दीवाली:—दीवाली शुरुआत में फसलों की कटाई के उत्सव के रुप में मनाई जाती थी। यह वह समय है जब भारत में किसान फसल काटकर संपत्ति और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं और उन्हें नई फसल में से उनका हिस्सा समर्पित करते हैं।
Dr J.K. Garg