दीपावली कार्तिक की अमावस्या को ही क्यों मनायी जाती है ? Part 2

dr. j k garg
बारह वर्ष के वनवास एवं एक वर्ष के अज्ञातवास के बाद पांडवों की अपने राज्य में वापसी:- महाभारत के अनुसार 12 वर्ष के निष्कासन एवं एक वर्ष के अज्ञातवास के बाद कार्तिक महीने कीअमावस्या को पांडव अपने ऱाज्य में सकुशल लौटे थे। पांडवों के वापस लोटने से वहां के लोग बहुत खुश थे, उन्होंने मिट्टी के दीपक जलाकर और फटाखे जलाकर पांडवों के लौटने दिन को मनानाशुरू कर दिया।

माता काली का जन्म:– बहुत समय पहले एक राक्षस था जिसने लड़ाई में सभी देवताओं को पराजित किया और सारी पृथ्वी और स्वर्ग को अपने अधिकार में ले लिया। तब माँ काली ने देवताओं,स्वर्ग और पृथ्वी को बचाने के उद्देश्य से देवी दुर्गा के माथे से जन्म लिया था। राक्षसों की हत्या के बाद उन्होंने अपना नियंत्रण खो दिया और जो भी उनके सामने आया उन्होंने हर किसी कीहत्या करनी शुरू कर दी। अंत में माता काली को उनके रास्ते में भगवान शिव के हस्तक्षेप द्वारा रोका गया। देश के कुछ भागों में, उस पल को यादगार बनाने के लिए उसी समय से ही यहदिवाली पर देवी काली की पूजा करके मनाया जाता है।

विक्रमादित्य का राज्याभिषेक:- राजा विक्रमादित्य का इसी दिन राज्यभिषेक हुआ था तबसे लोगों ने दिवाली को ऐतिहासिक रुप से मनाना शुरु कर दिया।
Dr J.K. Garg

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