सूर्यग्रहण विशेष

🌺विक्रम् संवत् 2076पौष माष
कृष्ण पक्ष अमावस्या
26-12-2019

ज्योति दाधीच
यह सूर्य ग्रहण भारत के अधिकांश पूर्वी उत्तरीय भागो मे खग्रास लगेगा तो दक्षिण भारत के कुछ स्थानो मे कंकणाकृत दृश्य होगा ।
यह भारत सहित मध्य पूर्व के देशो अफरीका के कुछ भागो सहित एशिया के अधिकांश भागो मे लगेगा।

🌺ग्रहण का समय
सभी स्थानो पर यह भारतीय मानक समयानुसार दृश्य होगा।।

स्पर्श–दिन मे 8:10पर
मध्य– दिन मे 9:30पर
मोक्ष–दिन मे 10:50पर।
होगा।
🌺 1.चंद्रग्रहण के समय किया हुआ जप लाख गुना फलदायी होता है और सूर्यग्रहण के समय किया हुआ जप १० लाख गुना फलदाईहोता है ।
महर्षि वेद व्यास भगवान कहते है।
यदि गंगा जल समीप हो तो चन्द्र ग्रहण मे करोड़ सूर्य ग्रहण मे दस करोड़ गुना फल होता है।

🌺ग्रहण काल मे क्या करने योग्य और क्या ना करने योग्य कार्य🌺

🌺1. ग्रहण के समय सोने से व्यक्ति रोगी होता हैं l
🌺2. ग्रहण के समय सम्भोग करने से सूअर की योनि मिलती है l
🌺3. ग्रहण के समय मूत्र त्याग नहीं करना चाहिए, दरिद्रता आती है l
🌺4. ग्रहण के समय धोखाधड़ी और ठगाई करने से सर्पयोनी मिलती है l
🌺5. ग्रहण के समय शौच नहीं जाना चाहिए, वर्ना पेट में कृमि होने लगते हैं l
🌺6. ग्रहण के समय जीव-जंतु या किसी की हत्या हो जाय तो नारकीय योनि में जाना पड़ता है l
🌺7. ग्रहण के समय भोजन व मालिश करने वाले को कुष्ट रोग हो जाता है l
🌺8. ग्रहण के समय पत्ते, तिनके, लकड़ी, फूल आदि नहीं तोड़ने चाहिए l
🌺9. स्कन्द पुराण के अनुसार ग्रहण के समय दूसरे का अन्न खाने से १२ साल का किया हुआ जप, तप, दान स्वाहा हो जाता है l
🌺10. ग्रहण के समय अपने घर की चीज़ों में कुश, तुलसी के पत्ते अथवा तिल डाल देने चाहिए l
🌺11. सूर्य ग्रहण के समय रुद्राक्ष की माला धारण करने से पाप नाश हो जाते हैं l
🌺12. सूर्य ग्रहण के समय दीक्षा अथवा दीक्षा लिए हुए मंत्र का जप करने से सिद्धि हो जाती है l
गुरू मन्त्र, इष्ट मन्त्र, अथवा भगवन्नाम जप करें।
मन्त्र जप न करने से मन्त्र मलिनता प्राप्त होती है।

🌺देवी भागवत में आता हैः🌺

सूर्यग्रहण या चन्द्रग्रहण के समय भोजन करने वाला मनुष्य जितने अन्न के दाने खाता है, उतने वर्षों तक अरुतुन्द नामक नरक में वास करता है। फिर वह उदर रोग से पीड़ित मनुष्य होता है फिर गुल्मरोगी, काना और दंतहीन होता है। अतः सूर्यग्रहण में ग्रहण से चार प्रहर (12 घंटे) पूर्व और चन्द्र ग्रहण में तीन प्रहर ( 9 घंटे) पूर्व भोजन नहीं करना चाहिए। बूढ़े, बालक और रोगी डेढ़ प्रहर (साढ़े चार घंटे) पूर्व तक खा सकते हैं। ग्रहण पूरा होने पर सूर्य या चन्द्र, जिसका ग्रहण हो, उसका शुद्ध बिम्ब देखकर भोजन करना चाहिए।
ग्रहण वेध के पहले जिन पदार्थों में कुश या तुलसी की पत्तियाँ डाल दी जाती हैं, वे पदार्थ दूषित नहीं होते। जबकि पके हुए अन्न का त्याग करके उसे गाय, कुत्ते को डालकर नया भोजन बनाना चाहिए।

🌺ग्रहण के स्पर्श के समय स्नान, मध्य के समय होम, देव-पूजन और श्राद्ध तथा अंत में वस्त्रसहित स्नान करना चाहिए। स्त्रियाँ सिर धोये बिना भी स्नान कर सकती हैं।

🌺ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जररूतमंदों को वस्त्र और उनकी आवश्यक वस्तु दान करने से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है।
🌺ग्रहण के समय कोई भी शुभ या नया कार्य प्रारम्भ नही करना चाहिये।

किन राशियो के लिये कैसा रहेगा यह सूर्य ग्रहण

मेष– मान नाश।

वृष– मृत्यु तुल्य कष्ट ।

मिथुन– स्त्री पीडा़ ।

कर्क– सौख्य।

सिंह– चिन्ता।

कन्या — व्यथा ।

तुला– सिद्धि धन श्री प्राप्ति।

वृश्चिक– मान भंग क्षति।

धनु– रोग घात।

मकर– पारिवारिक चिन्ता और हानि।

कुम्भ– सुख और लाभ।

मीन– सुख।

जय माताजी की🙏
एस्ट्रो ज्योति दाधीच,तीर्थराज पुष्कर,राजस्थान

error: Content is protected !!