21वीं शदी के तीसरे दशक को सुखमय और खुशहाल बनाने के आसान मूल मन्त्र Part 3.

dr. j k garg
8. जब आप क्रोधित हो तो अपने आप से कहे की ऐसा करने से मै अपने आप से ही लड़ाई कर रहा हू है और खुद अपना ही नुकसान कर रहा हूँ क्योकि क्रोध एक माचिस की तिली के समान है जो दूसरों को जलाने के पहिले खुद ही जलती है |

9. अपने पड़ोसी से नियमित बातचीत करे, उनके प्रति सद्भावना रखते उनके खुशी के लिये प्राथना करें | उनके सुख को बढाने और तकलीफों को कम करने की कोशिश करें इससे आपकी खुशियाँ कई गुणा बढ़ जायेगी और आपके पारस्परिक सम्बन्ध मधुर रहेगें | खुशी प्राप्त करने का एक सूत्र यह भी है की बिना किसी चाहत के दुसरे के अच्छे काम की जरुर प्रशंसा करें |

10. संभव है कि यदाकदा लालच कुछ समय के लिये आपकी सम्पती को बढा भी दे, किन्तु यह भी यह सच्च है कि अधिक सम्पति आपके लालच ओर आकांशा को कई गुणा जरुर बढा देती है, वहीं लालच और गलत तरीके से अर्जित यह कमाई आपको अभिमानी बना कर आपको गलत रास्ते पर ले जाकर आपकी मानसिक शांती को खत्म कर देगी | अपने जीवन मे अधिक और अधिक से अधिक प्राप्त करने की मनोवर्ती को छोड़े | जो आप के पास है उससे आप सदेव खुश रहे |

11. जो सुख सुविधा के लिये भोतिक साधन आपके पास उपलब्ध नहीं उन्हें हांसिल करने लिये ख्याली खबाव बनाने के बजाय उन्हें प्राप्त करने के गम्भीर कोशिश कर मेहनत करें |

12.याद रखे,किताबे पढना एवं अध्यन करना हम सभी के लिए जीवन की सभी अवस्थाओं में सबसे अच्छा ओर सबसे सस्ता ज्ञानवर्धक मनोरंजन है |

डा. जे. के. गर्ग

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