गुड फ्राइडे

dr. j k garg
भारत एक ऐसा देश है जहाँ विभिन्न धर्मों के मानने वाले लोग परस्पर स्नेहपूर्ण तरीके से रहते हुए अपनी मान्यताओ का पालन करते वहीं पर दुसरे धर्मों की मान्यताओं का भी सम्मान करते है | हमारा भारत विभिन्न धर्मों, संस्क्रति और भाषाओं का अद्दभुत राष्ट्र है | भारत के संविधान मे सभी धर्मों के अनुयायीयों को समान अधिकार प्राप्त है | हर जाति और धर्म के लोग अपने, त्यौहार अपनी पद्धति से मनाते है | गुड फ्राइडे व ईस्टर क्रिश्चियन धर्म को मानने वालों के लिए बहुत महत्वपूर्ण त्यौहार है |

ईसाई धर्म की मान्यताओं के मुताबिक गुड फ्राइडे के दिन ही प्रभु यीशु मसीह के सूली पर चड़ने और दफन होने की दुखद घटना घटित हुई थी | कहा जाता है कि प्रभु यीशु ने बहुत कठिन उपवास किये, त्याग व आत्म बलिदान किया | आज लोग उसी का अनुसरण करते हुए उनके इस बलिदान को याद करते है , और उनके लिये उपवास रखते है |

यीशु को मानवता की खातिर क्रूस पर चढ़ाया गया था | गुड फ्राइडे के दिन प्रभु यीशु के इस बलिदान को ध्यान मे रख कर उन्हें याद किया जाता है | ईसाई धर्म को माननेवाले काले कपडे पहन कर चर्च जाते है, इस दिन कैंडल नही जलाई जाती है | सभी अपने-अपने हिसाब से प्रभु ईशु मसीह को याद करते है | कोई बीजारोपण करता है, कोई प्राथनाएं करता है , कोई प्रभु ईशु मसीह की किताब पढता है | इसके अलावा भी लोग कुछ ना कुछ करके गुड फ्राईडे के दिन प्रभु ईशु मसीह को समर्पित करते है |

गुड फ्राइडे एक तरह का शोक का दिन है, यह तीसरे पहर मे चर्च मे मनाया जाता है क्योंकि, कहा जाता यीशु के प्राण, तीन बजे के आस-पास निकले थे | यह तीन घंटे तक मनाया जाता है, इसमें प्रभु ईशु मसीह के लिए प्राथनाएं करके उन्हें याद किया जाता है |

गुड फ्राईडे 10 अप्रेल 2020 को मसीह समाज दूवारा मनाया जायेगा |

संकलनकर्ता एवं प्रस्तुतिकरण—–डा.जे. के.गर्ग

error: Content is protected !!