भाई चारा स्नेह प्रेम सद्दभाव एवं विनम्रता की विजय का पर्व —-दीपावली Part 3

dr. j k garg
सच्चाई तो यही है कि इन्सान की आत्मा ही सच्चा और अविनाशी निरंतर प्रकाशित होने वाला दीपक है | इसलिए सच्ची दीपावली मनाने के लिए घरों में मिट्टी के दिये जलाने के साथ मन के दीप को जलाना और उसके प्रकाश को चारों ओर फैलाना ज्यादा जरूरी है | आईये हम सभीको प्रकाश के पर्व दीपावली को बाहरी रोशनी करने के वनिस्पत हमारे भीतर के अंधेरे और तामसी प्रव्रत्तियों यानि राग देवेष, ईर्ष्या, अहंकार, स्वार्थ, अविश्वाश, असहिष्णुता, हिंसा, क्रोधको नष्ट करें और अपने मन के अंदर पुनः न्याय, विनम्रता,सहयोग,पारस्परिक विश्वास,सहिष्णुता, अहिंसा स्नेह प्रेम के प्रकाश से आलोकित करें
|प्रस्तुतिकरण—डा. जे.के. गर्ग

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