महान सामाजिक सुधारक गुरु नानक देवजी पार्ट 3

dr. j k garg
गुरु नानक जीवन केअंतिम चरण में करतारपुर बस गए | 9 नवम्बर 2019 को करतारपुर को रीडोर का उद्दघातन किया गया है| 500 से अधिक श्रद्धालुओ ने नानक शिब के गुरुदुवारे में अपना माथा टेका | करतारपुर कोरिडोर के बन जानेसे भारत पाकिस्तान के रिश्ते मधुर होगें | नानक देवजी ने 25 सितंबर, 1539 को अपना शरीर त्याग दिया था |मृत्यु से पहले उन्होंने अपने शिष्य भाई लहना को अपना उत्तराधिकारीघोषित किया जो बाद में गुरु अंगद देव के नाम से जाने गये | नानकदेवजीने कहा “ मोन धारण करके नाम जपो , क्योंकि इसी से मानसिक आध्यात्मिक शक्ति मिलती है और आत्मिक तेज बढ़ता है | ईमानदारी मेहनत करो इससे मिली आमदनी ही सही है | जो मिले उसे साझा करों – नानक जी इसी सीख के मुताबिक सिख अपनी आमदनी का दसवां हिस्सा दान करते हैं “ गुरु नानक जंयतीपूरे देश में कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है | गुरुनानकदेव की बतायी गई शिक्षायें और बाते हम सभी का सदेव मार्गदर्शन करती है और भविष्य में भी मानव मात्र का मार्गदर्शन करती रहेगी | उनकीजयंती पर उनके श्री चरणों में कोटि कोटि नमन |

डा. जे. के. गर्ग

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