षटतिला एकादशी पर तिल का महत्व

राजेन्द्र गुप्ता
षटतिला एकादशी को तिल्दा एकादशी या षटिला एकादशी भी कहा जाता है. इसका नाम षटतिला एकादशी इसलिए पड़ा है क्योंकि इस दिन 6 प्रकार से तिल का इस्तेमाल करने और तिल का दान करने की बात कही गई है।
1. तिल मिश्रित जल से स्नान
2. तिल का उबटन लगाना
3. तिल से तिलक लगाना
4. तिल मिले हुए जल का सेवन करना
5. तिल से बने भोजन का सेवन करना
6. तिल से हवन करना. इन चीजों का दान भी करें और स्वंय भी इनका सेवन करें।

षटतिला एकादशी व्रत कथा
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एक समय की बात है एक नगर में एक ब्राह्मणी निवास करती थी। वह भगवान श्रीहरि विष्णु की भक्त थी।वह भगवान विष्णु के सभी व्रतों को नियम से करती थी। एक बार उसने 1 महीने तक व्रत और उपवास रखा। इसकी वजह से शरीर दुर्बल हो गया, लेकिन तन शुद्ध हो गया। अपने भक्त को देखकर भगवान ने सोचा कि तन शुद्धि से इसे बैकुंठ तो प्राप्त हो जाएगा, लेकिन उसका मन तृप्त नहीं होगा। उसने एक गलती की थी कि व्रत के समय कभी भी किसी को कोई दान नहीं दिया था। इस वजह से उसे विष्णुलोक में तृप्ति नहीं मिलेगी। तब भगवान स्वयं उससे दान लेने के लिए उसके घर पर गए।
वे उस ब्राह्मणी के घर भिक्षा लेने गए, तो उसने भगवान विष्णु को दान में मिट्टा का एक पिंड दे दिया। श्रीहरि वहां से चले आए। कुछ समय बाद ब्राह्मणी का निधन हो गया और वह विष्णुलोक पहुंच गई। उसे वहां पर रहने के लिए एक कुटिया मिली, जिसमें कुछ भी नहीं था सिवाय एक आम के पेड़ के। उसने पूछा कि इतना व्रत करने का क्या लाभ? उसे यहां पर खाली कुटिया और आम का पेड़ मिला। तब श्रीहरि ने कहा कि तुमने मनुष्य जीवन में कभी भी अन्न या धन का दान नहीं दिया। य​ह उसी का परिणाम है. यह सुनकर उसे पश्चाताप होने लगा, उसने प्रभु से इसका उपाय पूछा।

तब भगवान विष्णु ने कहा कि जब देव कन्याएं तुमसे मिलने आएं, तो तुम उनसे षटतिला एकादशी व्रत करने की विधि पूछना। जब तक वे इसके बारे में बता न दें, तब तक तुम कुटिया का द्वार मत खोलना। भगवान विष्णु के बताए अनुसार ही उस ब्राह्मणी ने किया। देव कन्याओं से विधि जानने के बाद उसने भी षटतिला एकादशी व्रत किया। उस व्रत के प्रभाव से उसकी कुटिया सभी आवश्यक वस्तुओं, धन-धान्य आदि से भर गई। वह भी रुपवती हो गई।

षटतिला एकादशी मुहूर्त
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एकादशी तिथि प्रारंभ- 7 फरवरी 2021 सुबह 06 बजकर 26 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त- 8 फरवरी 2021 सुबह 04 बजकर 47 मिनट तक

राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9611312076
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