आततायी और असहिष्णु निरकुंश राज्य शक्ति पर सच्चाई और सद्दभाव की जीत का पर्व होली Part 4

dr. j k garg
फाल्गुन माह में मनाए जाने के कारण इसे फाल्गुनी भी कहते हैं । इतिहासकारों का मानना है कि आर्यों में भी होली पर्व का प्रचलन था | वैदिक काल में इस पर्व को नवात्रैष्टि यज्ञ कहा जाता था। अन्न को होला कहते हैं, इसी से इसका नाम होलिकोत्सव पड़ा। होली के बाद ही चैत्र महीने का आरंभ होता है। अतः यह पर्व नवसंवत के आरंभ का प्रतीक भी है। इसी दिन प्रथम पुरुष मनुका जन्म हुआ था, इस कारण इसे मन्वादि तिथि भी कहते हैं। विंध्य क्षेत्र के रामगढ़ स्थान पर स्थित ईसा से 300 वर्ष पुराने एक अभिलेख में भी इसका उल्लेख किया गया है।
Dr J K Garg

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