ऐसे थे हमारे बापू

राष्ट्र पिता के जीवन की अविस्मरणीय घटनायें Part 1

j k garg
21वी सदी का युवा क्या विश्वास करेगा कि कोई मनुष्य अपने जीवन में 79000 किलोमीटर पैदल चल सकता है यानी धरती का दो बार चक्कर लगा सकता महात्मा गांधी मानते थे कि पैदल चलना व्यायाम का राजा है, इसलिए वे बहुत लंबी दूरी के लिए भी किसी साधन की बजाय पैदल चलने को तरजीह देते थे। 21वी सदी का युवा क्या विश्वास करेगा कि कोई मनुष्य अपने जीवन म79000 किलोमीटर पैदल चल सकता है यानी धरती का दो बार चक्कर लगा सकता वे अपने पूरे जीवन में औसतन रोज 18 किलोमीटर पैदल चले। ! 1913 से 1938 तक विभिन्न आंदोलनों के दौरान 25 वर्षों में वे करीब 79,000 किलोमीटर पैदल चले। देश के लिए चालीस साल के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान गांधीजी ने करीब 1 करोड़ शब्द अपने हाथों से लिखे यानी रोज करीब 700 शब्द लिखें। बापूजी कहते थे कि में भगवान राम के अंदर पुरी आस्था रखता हूँ और मूल रूप में एक धार्मिक प्रवत्ति का इंसान हूँ और मेरे धर्म पर मेरी गहरी आस्था है, में इसके लिये अपने प्राण दे सकता हूँ | लेकिन धर्म मेरा पूर्ण रूप से निजी मामला है | राज्य का मेरे धर्म से कोई सम्बन्ध नहीं होता है और ना ही कभी भी होना चाहिये
गांधीजी के लिये स्वच्छता एक काम या आदत नहीं वरन जीने का एक तरीका था | वो अपना सारा कांम खुद अपने हाथों से किया करते थे आज कल के नेताओं की तरह वो स्वच्छता का ढिंढोरा नहीं करते थे वो तो सही मायनों के अंदर एक महामानव थे उनकी कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं होता था
बापू जी ससत किताबें लिखी और भगवद गीता का गुजराती में अनुवाद भी किया

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