नारी शक्ति और सम्मान का पर्व नवरात्रि Part 3

j k garg
महिलायें शुरू से ही सहह्र्द्यता, सोहार्द, स्नेह और ममता की प्रतिमूर्ति रही है, “देवी चन्द्रघंटा” हम सभी को नारी की सुन्दरता के साथ साथ चन्द्रमा से मिलने वाली शीतलता,शालीनता,सहनशीलता,सहजता, सकारात्मकता एवं शांति का बोध करवाती है | “देवी कूष्मांडा” भी हम सभी को संसार में माता -बहनों के अस्तित्व का बोध कराती है इसीलिए देवी कूष्मांडा को नारी सम्मान तथा सृष्टि रचना में उन्हें अक्षुण्ण बनाये रखने वाली देवी के रूप में जाना जाता है | कष्टों, मुसीबतों, विपदाओं (काल) के हरण के प्रतीक में हम ” देवी कालरात्री” की आराधना करते हैं | शांति का संदेश वाहक सफेद रंग से सुशोभित माता “महागोरी”, “ देवी सिद्धिदात्री” ( जो जीव मात्र की सुरक्षा,देखभाल करती है वह कल्याणकारी भी है )

सभी सिद्धियों को संतुष्ट करने वाली हैं |

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